बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो)
बीजिंग:
तीस्ता नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर भारत और बांग्लादेश के किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाने की पृष्ठभूमि में चीन ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश को 'प्यासा' ही छोड़ गए।
मोदी की दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दौरान भूमि सीमा समझौते सहित विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने को रेखांकित करने के साथ ही चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा, 'मोदी बांग्लादेश को प्यासा ही छोड़ गए।'
एजेंसी ने ढाका में एक अनाम विशेषज्ञ के हवाले से लिखा, 'तीस्ता समझौते के बिना यह यात्रा हमारे लिए गहरी निराशा की बात है।' शिन्हुआ ने लिखा है, विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेशी लोगों पर मोदी के शब्दों का जादू चलने की संभावना बहुत कम है।
शिन्हुआ के मुताबिक, 'बांग्लादेश के लोगों का कहना है कि भारत में पश्चिम बंगाल की सरकार ने हालिया वर्षों में तीस्ता का अधिकांश जल अपनी ओर कर लिया है और बांग्लादेश के लिए बेहद कम छोड़ा है।' शिन्हुआ की टिप्पणी में कहा गया है कि मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया समेत शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और व्यापक मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
इसमें कहा गया है, 'बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने भारतीय समकक्ष के साथ उनकी मुलाकात बेहद सार्थक रही। हालांकि, तीस्ता जल बंटवारा करार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर भारत के हस्ताक्षर नहीं करने पर अड़ने के कारण इसे झटका लगा। इससे बांग्लादेशी लोग हताश हैं और जिसके चलते प्रदर्शन हुए।'
इसने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि उन्होंने शनिवार की शाम को ढाका में नेशनल प्रेस क्लब के समीप मोदी विरोधी प्रदर्शन कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक महिला भी शामिल थी।
मोदी की दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दौरान भूमि सीमा समझौते सहित विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने को रेखांकित करने के साथ ही चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा, 'मोदी बांग्लादेश को प्यासा ही छोड़ गए।'
एजेंसी ने ढाका में एक अनाम विशेषज्ञ के हवाले से लिखा, 'तीस्ता समझौते के बिना यह यात्रा हमारे लिए गहरी निराशा की बात है।' शिन्हुआ ने लिखा है, विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेशी लोगों पर मोदी के शब्दों का जादू चलने की संभावना बहुत कम है।
शिन्हुआ के मुताबिक, 'बांग्लादेश के लोगों का कहना है कि भारत में पश्चिम बंगाल की सरकार ने हालिया वर्षों में तीस्ता का अधिकांश जल अपनी ओर कर लिया है और बांग्लादेश के लिए बेहद कम छोड़ा है।' शिन्हुआ की टिप्पणी में कहा गया है कि मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया समेत शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और व्यापक मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
इसमें कहा गया है, 'बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने भारतीय समकक्ष के साथ उनकी मुलाकात बेहद सार्थक रही। हालांकि, तीस्ता जल बंटवारा करार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर भारत के हस्ताक्षर नहीं करने पर अड़ने के कारण इसे झटका लगा। इससे बांग्लादेशी लोग हताश हैं और जिसके चलते प्रदर्शन हुए।'
इसने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि उन्होंने शनिवार की शाम को ढाका में नेशनल प्रेस क्लब के समीप मोदी विरोधी प्रदर्शन कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक महिला भी शामिल थी।
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