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This Article is From Feb 11, 2018

वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में बोले पीएम मोदी, हम टेक्नोलॉजी को विकास का साधन बनाएं, विनाश का नहीं

वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पीएम मोदी ने कहा कि हमें सचेत रहना होगा कि हम टेक्नोलॉजी को विकास का साधन बनाएं, विनाश का नहीं.

वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में बोले पीएम मोदी, हम टेक्नोलॉजी को विकास का साधन बनाएं, विनाश का नहीं
अबू धाबी में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट के दौरान पीएम मोदी.
अबू धाबी: वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पीएम मोदी ने कहा कि हमें सचेत रहना होगा कि हम टेक्नोलॉजी को विकास का साधन बनाएं, विनाश का नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'वर्ल्ड गवर्मेंट समिट' में मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाना न सिर्फ मेरे लिए बल्कि 125 करोड़ भारतीयों के लिए भी गर्व की बात है.' प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई को दुनिया के लिए एक उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने एक रेगिस्तान को बदल दिया यह चमत्कार है.

पीएम मोदी ने कहा कि स्टेम सेल और उत्थान तकनीक जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियों ने कठिन बीमारियों के इलाज का ही नहीं, बल्कि अंग-भंग के भी उपचार का रास्ता दिखाया है. मौसम के पूर्वानुमान से किसान अपनी फसल बचा और बढ़ा सकते हैं. लाखों-करोड़ों लोगों को आपदा प्रबंधन के जरिये बचाया जा सका है. 

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पीएम ने कहा कि विकास का पहलू यह भी है कि पाषाण युग से औद्योगिक क्रांति के सफ़र में हज़ारों साल गुज़र गए. उसके बाद संचार क्रांति तक सिर्फ 200 वर्षों का समय लगा. और इसके बाद वहां से डिजिटल क्रांति तक फासला कुछ ही सालों में तय हो गया.

पीएम ने कहा कि तकनीक की सुलभता और उसके प्रसार ने आम आदमी का सशक्तिकरण किया है. इस सशक्तिकरण को 'मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' से बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा कि ई गर्वमेंस का 'ई' दसरअसल इफेक्टिव (प्रभावी), इफिसिएंट (कुशल), ईजी (सुगम), ईमपावर (सशक्त) और इक्विटेबल (न्यायसंगत) का पहला अक्षर है. 

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पीएम ने कहा कि तमाम तरक्की के बावजूद दुनिया से गरीबी और कुपोषण ख़त्म नहीं हुए हैं. लेकिन दूसरी ओर धन, समय और संसाधन का बड़ा हिस्सा मिसाइलों और बमों की क्षमता बढ़ाने में लग रहा है. हमें सचेत रहना होगा कि हम टेक्नोलॉजी को विकास का साधन बनाएं, विनाश का नहीं. 

उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसे लगता है कि मानव टेक्नोलॉजी को प्रकृति पर विजय का ही नहीं उस से संघर्ष का साधन बनाने की भूल कर रहा है. इसकी कीमत बहुत भारी है. मानवता के भविष्य के लिए हमें प्रकृति के साथ संघर्ष नहीं, सहजीवन का रास्ता चाहिए. पीएम ने कहा कि आज के समय में एक रास्ते पर छः महत्त्वपूर्ण कदम हैं छः 'R'. रिड्यूस, रियूज,रिसाइकल, रिकवर,रिडिजाइन और रिमैन्यूफैक्चर. यह कदम हमें जिस मंजिल तक पहुंचाएंगे वह होगी रिज्वाइस यानि आनंद. 

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पीएम ने कहा कि देश में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर और दूरे विकास के कार्यक्रम की मैं खुद हर महीने विडियो कांफ्रेंस द्वारा समीक्षा करता हूं. इसमें सभी संबंधित राज्य और केंद्र सरकार के मंत्रालय जुड़ते हैं. इस समीक्षा का नाम है प्रगति. हम इंटरकनेक्टेड, इंटरलिन्क्ड और इंटरडिपेनडेंट संसार में जी रहे हैं. बहुत हद तक हमारी समस्याएं अविभाज्य हैं और उनके समाधान भी. यह तय है कि आने वाले दशकों में विश्व के सामने जो समस्याएं आएंगी, उनका हल मिलकर निकालना होगा. और इसमें टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका रहेगी.

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