भारत को मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए एक अच्छे स्थान के रूप में पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी निवेशकों को आज भारत आने का न्योता दिया। मोदी ने कहा कि भारत में व्यवसाय के लिए कायदे कानून आसान कर लालफीताशाही खत्म कर दी गई है और उसकी जगह निवेशकों के स्वागत में लाल कालीन का दौर आ चुका है।
निक्की और जापान की व्यापार संवर्धन संस्था जेट्रो द्वारा यहां आयोजित व्यावसायिक गोष्ठी में निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत में मैन्युफैक्चरिंग कारोबार को बढ़ाने के लिए अपने मेड इन इंडिया नारे की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के पहले 100 दिन के कार्यकाल में देश में कारोबार करने वालों के लिए रास्ते आसान करने के लिए किए गए कई फैसलों का भी जिक्र किया।
मोदी ने अपनी यात्रा के चौथे दिन कहा कि भारत की तरह कोई भी अन्य देश ऐसा मौका प्रदान नहीं करता, क्योंकि देश में लोकतंत्र है, युवा आबादी है और मांग है। इससे पहले कल उन्होंने एक अन्य समारोह में निवेशकों को संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा कि वे भारत निवेश कर अपनी किस्मत भाग्य आजमाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने वाले कम लागत वाले मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) के जरिए लाभ के लिहाज से चमत्कार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा 'विनिर्माताओं को क्या चाहिए? वे विनिर्माण की लागत में कमी चाहते हैं। वे उच्च लागत वाला विनिर्माण नहीं चाहते। सस्ता श्रम, कुशल श्रमशक्ति, आसान कारोबार प्रक्रिया और उदार माहौल। फिर यह भातर में व्यावहारिक हो जाता है।' उन्होंने कहा 'भारत में अरबों-खरबों डॉलर के निवेश की जरूरत है। इलेक्ट्रानिक बाजार विशेष तौर पर मोबाइल हैंडसेट क्षेत्र संभावनाओं वाला बड़ा बाजार है।' सरकार ने 125 करोड़ लोगों के लिए डिजिटल इंडिया नाम से एक योजना बनाई है जो मिशन मोड में चलाई जाएगी।
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