भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा में वक्तव्य देने के बाद अमेरिकी समाचारपत्र-पत्रिकाओं ने लिखा कि एक समय अमेरिका आने के लिए प्रतिबंधित मोदी इस समय अमेरिका में छा गए हैं।
एक अग्रणी पत्रिका ने लिखा कि क्यों अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को मोदी के नेतृत्व में भारत में निवेश करने के लिए आगे आना चाहिए। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में भारत को आतंकवाद से निपटने के संघर्ष में भागीदार बताया।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, मोदी ने शनिवार को चरमपंथी गुटों के खिलाफ अपने देश के संघर्ष को दुनिया के सामने रखा और चरमपंथियों को आश्रय देने वाले राष्ट्रों की कटु आलोचना की।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार मोदी ने कहा, "मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करने का संकेत दिया। उन्होंने आतंकवाद से लड़ने की ओर ध्यान केंद्रित करने की बात कही और राजनीतिक प्रतीक के महत्व को समझने का भी संकेत दिया।"
फॉर्च्यून ने लिखा कि मोदी को कारोबार अनुकूल नीतियों के लिए जाना जाता है और समृद्ध भारत के लिए विदेशी निवेशकों को भारत आमंत्रित करने के उनके प्रयासों को देखते हुए निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आगे आना चाहिए। उसने लिखा, "आधुनिकता और मुक्त बाजार विकास के क्षेत्र में भारत आसमान छू रहा है।"
इस बीच, सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा कि दुर्भाग्य से राष्ट्रपति ओबामा और उनकी सरकार ने भारत के साथ संबंध को दरकिनार किया और जार्ज डब्ल्यू बुश सरकार द्वारा स्थापित किए गए अमेरिका-भारत संबंध को मजबूत करने में विफल रहे।
एक समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में लिखा कि सीनेट विदेश संबंध समिति के सदस्य रुबियो ने कहा कि यह सच है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसे पूंजीकृत किया जाना चाहिए। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार मोदी और उनके समर्थकों के लिए यह समय अमेरिका में भारतीय प्रवासी बोर्ड के सदस्यों के साथ संपर्क स्थापित करने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
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