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This Article is From May 17, 2015

भारत मंगोलिया को देगा एक अरब डॉलर की कर्ज, रक्षा संबंधों पर जोर

भारत मंगोलिया को देगा एक अरब डॉलर की कर्ज, रक्षा संबंधों पर जोर
मंगोलियाई समकक्ष चिमेद सायखानबिलेग के साथ पीएम मोदी
उलन बटोर: भारत ने मंगोलिया को उसके बुनियादी ढांचा विकास में सहयोग के लिए एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा की घोषणा की है और साथ ही संबंधों को 'सामरिक गठजोड़' के स्तर तक ले जाने तथा रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों देशों ने सीमा सुरक्षा के लिए सहयोग बढ़ाने तथा असैन्य परमाणु क्षेत्र, खनन जैसे क्षेत्रों में गठजोड़ की व्यापक संभावनाओं को तलाशने का फैसला किया है।

मंगोलिया की दो दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेजबान प्रधानमंत्री चिमेद सायखानबिलेग के साथ व्यापक विषयों पर विस्तृत चर्चा की और द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों को नए स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। मोदी मंगोलिया की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

यहां राजमहल में मंगोलिया के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने बयान में कहा, 'मुझे मंगोलिया को उसकी आर्थिक क्षमता और आधारभूत ढांचे के विस्तार में मदद के लिए एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।' उन्होंने कहा, 'आज मंगोलिया भारत की 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी (पूर्व के साथ काम करो) की नीति का अभिन्न हिस्सा है।' उन्होंने कहा कि दोनों देशों की नियति एशिया प्रशांत के भविष्य के साथ काफी निकटता से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।'

दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करते हुए द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा दोनों देशों में वृहद भागीदारी को रणनीतिक गठजोड़ में बदलने और दोस्ताना रिश्तों व सहयोग की संधि के नवीकरण पर सहमति बनी है।

दोनों पक्षों के बीच संयुक्त बयान के अलावा 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें सीमा की निगरानी, पुलिस एवं चौकसी तथा वायु सेवा के साथ साइबर सुरक्षा एवं नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना शामिल है। मोदी ने कहा कि मंगोलिया की यात्रा करने वाले पहला भारतीय प्रधानमंत्री होना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, 'ऐसे समय में यहां आना सम्मान की बात है जब दो मील के पत्थर से जुड़े अवसर हैं... एक मंगोलिया में लोकतंत्र का 25वां वर्ष है और दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष हो रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत से काफी खुश हूं। हमारे बीच द्विपक्षीय संबंधों और हमारे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर काफी मजबूत एक जैसे विचार हैं।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने अभी अभी जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये वे हमारे संबंधों की गहराई को बयां कर रहे हैं। इनमें आर्थिक संबंध, विकास से जुड़े गठजोड़, रक्षा एवं सुरक्षा तथा लोगों के बीच संबंध शामिल हैं।' मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति साखियागिन एल्बेगद्रोज से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं साझे हितों के मुद्दों पर चर्चा की।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत व मंगोलिया सामूहिक प्रयासों के आधार पर एशिया प्रशांत क्षेत्र में मुक्त व संतुलित तथा समावेशी सुरक्षा ढांचा चाहते हैं। इसे क्षेत्र के सभी देशों के वैध हितों तथा नियमों और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धान्तों का सम्मान करते हुए हासिल किया जाएगा।

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