प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष बोरिस जॉनसन से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, रक्षा,शिक्षा जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की. फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम में स्थित शहर बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर मोदी ने जॉनसन से मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी बहरीन की राजधानी मनामा से बिआरित्ज पहुंचे हैं. इस मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ अच्छी बैठक हुई. व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा के क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर चर्चा हुई.''
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इससे पहले, प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया,‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के आरंभ में प्रधानमंत्री जॉनसन को एशेज श्रृंखला के तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड की शानदार जीत पर बधाई दी.''पिछले महीने जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह दोनों नेताओं के बीच होने वाली पहली मुलाकात है. जून 2016 में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से हटने के बारे में वोट के बाद जॉनसन कम ही समय में डेविड कैमरन और टेरीजा मे के बाद तीसरे प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए हैं. दोनों नेताओं की बैठक भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के कुछ ही समय बाद हो रही है.
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इस सप्ताह के शुरू में टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान जॉनसन ने पीएम मोदी से कहा था कि जहां तक ब्रिटेन का विचार है तो कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत के बारे में एक आधिकारिक बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन का विचार है कि कश्मीर का मुद्दा ऐसा मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तौर पर सुलझाना है. उन्होंने मुद्दे को बातचीत के जरिये सुलझाने के महत्व को रेखांकित किया.
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भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के निर्णय के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस पर पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जतायी गई. भारत ने स्पष्ट तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कह दिया है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है. भारत ने इसके साथ ही पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह भी दी थी.
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