पेशावर के स्कूल की फाइल फोटो (AFP)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तानी सेना ने पेशावर में सेना संचालित एक स्कूल में किए गए नृशंस नरसंहार में शामिल रहे छह आतंकवादियों को मौत की सजा, जबकि एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस हमले में 150 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर बच्चे थे।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनल असीम बाजवा ने बताया कि आतंकवाद को लेकर आठ आतंकवादियों को दोषी ठहराया गया है, जिनमें से सात लोग पिछले दिसंबर में पेशावर हमले में शामिल थे।
पेशावर नरसंहार मामले में दोषी ठहराए गए सात लोगों में छह को मौत की सजा जबकि एक को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। सात दोषियों में छह लोग तोहीदवल जिहाद ग्रुप के सदस्य हैं, जबकि एक व्यक्ति तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सदस्य है।
सात आतंकवादियों के अलावा एक अन्य आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय सदस्य है। उसे 2011 में कराची के सफूरा चौक में पाकिस्तान रेंजर्स के सैनिकों पर हमले में संलिप्तता को लेकर मौत की सजा सुनाई गई है।
बाजवा ने बताया कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल और सफूरा चौरंगी कराची घटनाओं को लेकर सात कट्टरपंथी आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि पेशावर हमले के बाद और पाकिस्तान सेना (अधिनियम) 2015 के तहत स्थापित सैन्य अदालतों ने सभी आठों आतंकवादियों पर सुनवाई की।
बाजवा ने बताया कि मामले की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए सैन्य अदालतों ने सात आतंकवादियों को मौत की सजा जबकि एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोषियों के पास अपील दायर करने का अधिकार है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए आंकवादी हमले में 125 बच्चे सहित 151 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद सरकार ने मौत की सजा पर लगाई गई रोक हटा ली और सरकार ने 21 वां संशोधन पारित किया था। वहीं सफूरा चौक पर हुए हमले में तीन सैनिक मारे गए थे, जबकि चार अन्य घायल हो गए थे।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनल असीम बाजवा ने बताया कि आतंकवाद को लेकर आठ आतंकवादियों को दोषी ठहराया गया है, जिनमें से सात लोग पिछले दिसंबर में पेशावर हमले में शामिल थे।
पेशावर नरसंहार मामले में दोषी ठहराए गए सात लोगों में छह को मौत की सजा जबकि एक को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। सात दोषियों में छह लोग तोहीदवल जिहाद ग्रुप के सदस्य हैं, जबकि एक व्यक्ति तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सदस्य है।
सात आतंकवादियों के अलावा एक अन्य आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय सदस्य है। उसे 2011 में कराची के सफूरा चौक में पाकिस्तान रेंजर्स के सैनिकों पर हमले में संलिप्तता को लेकर मौत की सजा सुनाई गई है।
बाजवा ने बताया कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल और सफूरा चौरंगी कराची घटनाओं को लेकर सात कट्टरपंथी आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि पेशावर हमले के बाद और पाकिस्तान सेना (अधिनियम) 2015 के तहत स्थापित सैन्य अदालतों ने सभी आठों आतंकवादियों पर सुनवाई की।
बाजवा ने बताया कि मामले की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए सैन्य अदालतों ने सात आतंकवादियों को मौत की सजा जबकि एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोषियों के पास अपील दायर करने का अधिकार है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए आंकवादी हमले में 125 बच्चे सहित 151 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद सरकार ने मौत की सजा पर लगाई गई रोक हटा ली और सरकार ने 21 वां संशोधन पारित किया था। वहीं सफूरा चौक पर हुए हमले में तीन सैनिक मारे गए थे, जबकि चार अन्य घायल हो गए थे।
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