पनामा लीक्स (Panama Leaks) : क्या है पूरा मामला, पीएम नवाज़ शरीफ ऐसे आए जद में...(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा केस में दोषी करार दिया गया है. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पनामा केस में फैसला सुनाते हए नवाज शरीफ को दोषी ठहराया है. पांच जजों की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नवाज शरीफ के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
आइए एक नज़र में जानें क्या है पनामा पेपर्स लीक्स से जुड़ा पूरा मामला और पाकिस्तान के पीएम नवाज़ शरीफ कैसे आते हैं इसकी जद में...
10 जुलाई 2017: जेआईटी ने सात हफ्ते लंबी जांच के बाद 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी. इस दौरान परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की गई. इसके बाद जेआईटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी
5 जुलाई 2017: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज से जेआईटी ने पूछताछ की. मरियम से उनसे 1 घंटे 45 मिनट तक पूछताछ की गई.
15 जून 2017: 8 से 14 जूनके बीच जेआईटी ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ, प्रधानमंत्री के दामाद कैप्टन सफ्दर को अगले हफ्ते पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पहली बार जेआईटी के सामने पेश हुए जिसमें उनसे 3 घंटे तक पूछताछ की गई.
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जब अटल बिहारी वाजपेयी ने नवाज शरीफ से दिलीप कुमार की बात करवाई
22 मई 2017: जेआईटी के गठन के बाद अपने 15 दिन की जांच प्रक्रिया पर जेआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को पहली रिपोर्ट दी. इस रिपोर्ट में जेआईटी ने खुद के ऊपर भी लगे सभी आरोपों को शामिल किया. हुदैबिया पेपर मिल्स के मालिक तारिक शाफी, पत्रकार उमर चीमा, कतर के प्रिंस हम्माद बिन जासिम अल-थानी (खुद नहीं आए लेकिन लिखित जवाब भेजा) से पूछताछ हुई.
20 अप्रैल 2017: पनामा पेपर्स लीक मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने जेआईटी का गठन किया जो इस पूरे मामले की जांच कर रही थी.
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पनामा केस : नवाज शरीफ और परिवार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई
पनामा कंपनी और मामले का खुलासा कैसे हुआ...
पनामा की कंपनी मोसाक फोंसेका के बारे में कहा जाता है कि वह दुनिया में सबसे अधिक गोपनीयता से काम करने वाली कंपनी है. इसके लाखों कागजात लीक हो गए. आईसीआईजे ने दस्तावेजों की गहरी छानबीन की. ICIJअंतरराष्ट्रीय महासंघ अमेरिका स्थित एक एनजीओ है जिसके खोजी पत्रकारों ने इन दस्तावेजों की गहन छानबीन की जिसके बाद उपलब्ध कराया था. जांच में 140 लोगों की संपत्ति का खुलासा हुआ था जिनमें नवाज शरीफ के अलावा कई फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों भी थीं जिनमें से कई भारत से भी थीं.
आइसलैंड के प्रधानमंत्री, यूक्रेन के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के राजा और डेविड कैमरन के पिता का नाम प्रमुख है. इनके अलावा लिस्ट में व्लादिमीर पुतिन के करीबियों, अभिनेता जैकी चैन और फुटबॉलर लियोनेल मेसी का नाम भी था.
इनपुट : एजेंसियां
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10 जुलाई 2017: जेआईटी ने सात हफ्ते लंबी जांच के बाद 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी. इस दौरान परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की गई. इसके बाद जेआईटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी
5 जुलाई 2017: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज से जेआईटी ने पूछताछ की. मरियम से उनसे 1 घंटे 45 मिनट तक पूछताछ की गई.
15 जून 2017: 8 से 14 जूनके बीच जेआईटी ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ, प्रधानमंत्री के दामाद कैप्टन सफ्दर को अगले हफ्ते पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पहली बार जेआईटी के सामने पेश हुए जिसमें उनसे 3 घंटे तक पूछताछ की गई.
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20 अप्रैल 2017: पनामा पेपर्स लीक मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने जेआईटी का गठन किया जो इस पूरे मामले की जांच कर रही थी.
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आइसलैंड के प्रधानमंत्री, यूक्रेन के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के राजा और डेविड कैमरन के पिता का नाम प्रमुख है. इनके अलावा लिस्ट में व्लादिमीर पुतिन के करीबियों, अभिनेता जैकी चैन और फुटबॉलर लियोनेल मेसी का नाम भी था.
इनपुट : एजेंसियां
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