पाकिस्तान की फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाल (पीटीआई) के प्रमुख और देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को साइफर मामले में पूछताछ के लिए समन किया है. जियो न्यूज के अनुसार एफआईए ने इमरान खान को एक अगस्त को पेश होने को कहा है.
इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में पद से हटा दिया गया था. मार्च 2022 को एक सार्वजनिक सभा में, खान ने उस पत्र को खारिज कर दिया था. जिसमें दावा किया गया था कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए अमेरिका द्वारा समर्थित "अंतर्राष्ट्रीय साजिश" के सबूत थे. एक दिन पहले भी एफआईए ने पूर्व प्रधानमंत्री से करीब दो घंटे तक पूछताछ की थी और मामले में उनका बयान दर्ज किया था.
जियो न्यूज के मुताबिक, ताजा नोटिस में जांच एजेंसी ने खान को सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ 1 अगस्त को दोपहर में अपनी संयुक्त जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा है. इस सप्ताह की शुरुआत में, संघीय एजेंसी ने विवादास्पद अमेरिकी सिफर की चल रही जांच के संबंध में पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी से लगभग दो घंटे तक पूछताछ की।
जियो न्यूज के अनुसार साइफर मामले ने पिछले हफ्ते एक नया मोड़ तब ले लिया जब पीटीआई प्रमुख के सहयोगी आजम खान ने मजिस्ट्रेट के सामने एक बयान दर्ज किया और खुलासा किया कि तत्कालीन प्रधान मंत्री (इमरान खान) ने 2022 में वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूत द्वारा भेजे गए एक राजनयिक साइफर का इस्तेमाल एक साजिश रचने के लिए किया था.
सूत्रों ने बताया कि आजम, जो पिछले महीने से "लापता" थे, ने मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है.
साइफर मामले पर अपने बयान के बाद पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा कि जब तक पूरी जानकारी सामने नहीं आ जाती वह इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आजम खान ने यह बयान किन परिस्थितियों में दिया है.
हालांकि, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने जोर देकर कहा कि पूर्व प्रधान सचिव आजम खान का इकबालिया बयान पीटीआई प्रमुख इमरान खान के खिलाफ एक 'चार्जशीट' था और इमरान खान को राज्य विरोधी 'साइफर ड्रामा' के लिए दंडित किया जाना चाहिए.
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