हामिद गुल (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हामिद गुल की मौत हो गई है।
उनकी बेटी उज्मा गुल ने बताया कि 78-वर्षीय गुल को ब्रेन हैमरेज हुआ था। उन्हें बीती रात मरी स्थित संयुक्त सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गुल 1987 और 1989 के दौरान आईएसआई के प्रमुख थे। उन्होंने अफगान युद्ध के बाद के चरणों में भी खुफिया एजेंसी में काम करना जारी रखा ।
अपने कट्टरपंथी इस्लामी विचारों के लिए जाने जाने वाले गुल ने 80 के दशक के अंत में और 90 के दशक के शुरू में कश्मीरी आतंकवादी समूहों को गोपनीय समर्थन दिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया है। गुल को 1958 में पाकिस्तानी सेना में आर्मर्ड कोर (19 लांसर्स) में कमीशन मिला था।
वह 1965 में भारत के साथ युद्ध के दौरान चाविंडा मोर्चे पर टैंक कमांडर थे। वर्ष 1972 और 1976 के बीच उन्होंने जनरल जिया उल हक के अधीन बटालियन कमांडर के रूप में काम किया था। 1978 में उन्हें ब्रिगेडियर के रूप में पदोन्नति मिली और 1980 में वह पहली आर्मर्ड डिवीजन, मुल्तान के कमांडर बने।
उनकी बेटी उज्मा गुल ने बताया कि 78-वर्षीय गुल को ब्रेन हैमरेज हुआ था। उन्हें बीती रात मरी स्थित संयुक्त सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गुल 1987 और 1989 के दौरान आईएसआई के प्रमुख थे। उन्होंने अफगान युद्ध के बाद के चरणों में भी खुफिया एजेंसी में काम करना जारी रखा ।
अपने कट्टरपंथी इस्लामी विचारों के लिए जाने जाने वाले गुल ने 80 के दशक के अंत में और 90 के दशक के शुरू में कश्मीरी आतंकवादी समूहों को गोपनीय समर्थन दिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया है। गुल को 1958 में पाकिस्तानी सेना में आर्मर्ड कोर (19 लांसर्स) में कमीशन मिला था।
वह 1965 में भारत के साथ युद्ध के दौरान चाविंडा मोर्चे पर टैंक कमांडर थे। वर्ष 1972 और 1976 के बीच उन्होंने जनरल जिया उल हक के अधीन बटालियन कमांडर के रूप में काम किया था। 1978 में उन्हें ब्रिगेडियर के रूप में पदोन्नति मिली और 1980 में वह पहली आर्मर्ड डिवीजन, मुल्तान के कमांडर बने।
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