इस्लामाबाद (Islamabad) उच्च न्यायालय ने सोमवार को पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Ex PM Imran Khan) को आतंकवाद (Terrorism) से जुड़े एक मामले में बृहस्पतिवार तक के लिए जमानत दे दी है. गौरतलब है कि इस्लामाबाद में शनिवार को हुई एक रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकी देने को लेकर 69 वर्षीय खान के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया है. इमरान खान के खिलाफ रविवार को आतंकवाद-विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। खान ने आज अदालत से अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था.
‘डॉन' अखबार की खबर के अनुसार, खान के वकीलों बाबर अवान और फैसल चौधरी द्वारा दी गई अर्जी में कहा गया है कि ‘‘सत्तारूढ़ पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) खान को भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नेताओं की निडर आलोचना और बेहद स्पष्ट तथा मुखर रुख के कारण निशाना बना रहा है.''
अर्जी में कहा गया है, ‘‘इस दुर्भावनापूर्ण एजेंडा के तहत, वर्तमान सरकार के इशारे पर इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र की पुलिस ने उनके (खान के) खिलाफ झूठा और निराधार मामला दर्ज किया है.''
अर्जी में कहा गया है कि सरकार ने ‘झूठे आरोपों के तहत' इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए ‘सभी हदें पार करने' का फैसला किया है और वह ‘‘किसी भी कीमत पर याचिकाकर्ता (खान) और उनकी पार्टी को फंसाना चाहती है.''
न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी ने याचिका पर सुनवाई की और पूछा कि उसपर क्या आपत्ति की गई है.
अवान ने न्यायाधीश को बताया कि अर्जी में संबंधित मंच तक पहुंचने से जुड़ी आपत्ति उठायी गई है। इसपर, न्यायमूर्ति कयानी ने कहा कि बायोमेट्रिक से जुड़ी आपत्ति भी जतायी गयी है.
सुनवाई के दौरान अवान ने दावा किया कि ‘‘इमरान के आवास को घेर लिया गया है और... वह संबंधित अदालत तक भी नहीं जा सकते हैं.''
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून'अखबार की खबर के अनुसार, यह रेखांकित करते हुए कि खान का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, जमानत याचिका में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इस मामले से जुड़ी किसी भी जांच में सहयोग देने को तैयार हैं.
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