- पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दो विश्वविद्यालयों ने संस्कृत में तीन महीने का लघु पाठ्यक्रम शुरू किया है
- पाठ्यक्रम का उद्देश्य शास्त्रीय भाषा का बुनियादी ज्ञान प्रदान करना और भविष्य में गीता व महाभारत पढ़ाना है
- लाहौर विश्वविद्यालय ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज ने संस्कृत के प्राथमिक स्तर के पाठ्यक्रम की शुरुआत की है
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दो विश्वविद्यालयों ने विभाजन के बाद पहली बार साझा विरासत का हवाला देते हुए संस्कृत में लघु पाठ्यक्रम शुरू किए हैं और भविष्य में गीता व महाभारत पढ़ाने की योजना बना रहे हैं. पंजाब लाहौर विश्वविद्यालय (सरकारी) और लाहौर प्रबंधन विज्ञान विश्वविद्यालय (निजी) ने इस शास्त्रीय भाषा में तीन महीने का पाठ्यक्रम शुरू किया है.
शिक्षक भविष्य में शोध के लिए पंजाब विश्वविद्यालय में मौजूद संस्कृत पांडुलिपियों के महत्वपूर्ण संग्रह पर निर्भर हैं. लघु अवधि के पाठ्यक्रमों की तैयारी पिछले साल शुरू हो गई थी, लेकिन इस पहले पाठ्यक्रम में प्रवेश 2025 में शुरू हुआ.

पंजाब विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार ने शनिवार को ‘पीटीआई' को विशेष रूप से बताया, “लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज (एलयूएमएस) ने सबसे पहले बुनियादी स्तर-प्रथम और द्वितीय की शुरुआत की, जिसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर ने भी इसे शुरू किया.”
प्रोफेसर ने यह भी बताया कि शास्त्रीय भाषा के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में विद्यार्थी गीता और महाभारत पढ़ सकेंगे.
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