प्रतीकात्मक तस्वीर
दुबई/इस्लामाबाद:
यूएई में 2015 में एक पाकिस्तानी की हत्या करने वाले 10 भारतीय फांसी के फंदे से बच सकते हैं क्योंकि मृतक के परिवार ने 200,000 दिरहम की ‘ब्लडमनी’ स्वीकार कर दोषियों को माफी देने के लिए राजी हो गया है. भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को गल्फ न्यूज को बताया कि मोहम्मद फरहान के पिता मोहम्मद रियाज ने 22 मार्च को अल ऐन अपील अदालत में पेश होकर आरोपी भारतीयों को माफ करने का सहमति पत्र जमा करा दिया. रियाज ने कहा, ‘‘यह बदकिस्मती है कि मैंने अपने बेटे को खोया. मैं युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि ऐसे झगड़ों में न पड़ें. मैंने इन 10 व्यक्तियों को माफ कर दिया है. असल में, अल्लाह ने उनकी जिंदगी बचाई है. एक पत्नी और बच्चों सहित कम से कम 10 लोगों की जिंदगी (आर्थिक तौर) एक व्यक्ति पर निर्भर थी (जो यूएई काम करने के लिए आया था).’’
अबु धाबी में भारतीय दूतावास में सामुदायिक मामलों के काउंसलर दिनेश कुमार ने कहा कि आरोपियों की तरफ से एक भारतीय परोपकारी संगठन ने अदालत में मृतक के परिवार को आरोपी को माफ करने की एवज में दिये जाने वाले धन (ब्लडमनी) को जमा कराया है. अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 12 अप्रैल तक स्थगित कर दिया है. कुमार ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि अदालत सजा को बदल सकती है.
दिसंबर 2015 को अल ऐन में शराब की अवैध ब्रिकी को लेकर हुई लड़ाई में कथित तौर पर यह हत्या हुई थी. पंजाब के 11 व्यक्तियों को मामले में दोषी ठहराया गया था लेकिन एक मौत की सजा से बच गया था. इसने कहा है कि आरोपियों की ओर से ब्लडमनी देने वाले सरबत द भला चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष एसपीएस ओबराय ने कहा कि पाकिस्तानी परिवार से माफी लेना मुश्किल काम था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अबु धाबी में भारतीय दूतावास में सामुदायिक मामलों के काउंसलर दिनेश कुमार ने कहा कि आरोपियों की तरफ से एक भारतीय परोपकारी संगठन ने अदालत में मृतक के परिवार को आरोपी को माफ करने की एवज में दिये जाने वाले धन (ब्लडमनी) को जमा कराया है. अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 12 अप्रैल तक स्थगित कर दिया है. कुमार ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि अदालत सजा को बदल सकती है.
दिसंबर 2015 को अल ऐन में शराब की अवैध ब्रिकी को लेकर हुई लड़ाई में कथित तौर पर यह हत्या हुई थी. पंजाब के 11 व्यक्तियों को मामले में दोषी ठहराया गया था लेकिन एक मौत की सजा से बच गया था. इसने कहा है कि आरोपियों की ओर से ब्लडमनी देने वाले सरबत द भला चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष एसपीएस ओबराय ने कहा कि पाकिस्तानी परिवार से माफी लेना मुश्किल काम था.
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