पाकिस्तान की एक अदालत ने एक शख्स को 24 सालों की सज़ा सुनाई है. उसे 200 महिला डॉक्टरों और नर्सों को उनके सोशल मीडिया अकांउट के जरिए ब्लैकमेल करने का दोषी पाया गया है. इस ‘साइबर स्टॉकर' को 24 साल की सजा एक आतंकवाद रोधी अदालत ने सुनाई.
पाकिस्तान के इतिहास में सोशल मीडिया अपराध से जुड़े जुर्म में यह अभी तक सबसे ज्यादा सज़ा है. लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश सज्जाद अहमद ने अब्दुल वहाब को कुल 24 साल की सजा सुनाई और उस पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
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न्यायाधीश ने वाहब को 14 साल की जेल और 5,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया. इसके अलावा, उस पर सात साल की कैद की सजा और 1,00,000 रुपये की पैनल्टी लगाई. इसके बाद उसे तीन साल की जेल की सजा और 1,00,000 रुपये की सजा दी गई है.
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अदालत ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. साल 2015 में यह मामला सामने आया था कि लाहौर के सरकारी शिक्षण अस्पताल की महिला डॉक्टर और नर्सों समेत करीब 200 महिलाओं का उसने उत्पीड़न किया था या उन्हें ब्लैकमेल किया था.
इसके बाद पंजाब के लय्याह जिले के निवासी वहाब को नरन से 2015 में गिरफ्तार किया गया था. दोषी ने खुद को ‘मिलिट्री इंटेलिजेंस' विभाग का अधिकारी बताया और महिलाओं को उनकी आपत्तिजनक तस्वीरों को उनके फेसबुक अकांउट पर डालने की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठे.
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