पेशावर:
अशांत उत्तरपश्चिमी पाकिस्तान में बुधवार को कलाशनिकोव रायफल से लैस तालिबान के आत्मघाती हमलावर एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में घुस गए और अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे कम से कम 21 लोग मारे गए जबकि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में चार आतंकवादी ढेर हो गए। यह हमला 2014 में पेशावर के एक सेना स्कूल पर हुए नृशंस हमले की याद दिलाता है।
पुलिस ने बताया कि बंदूकधारी प्रांत के चारसद्दा जिला स्थित बाचा खान विश्वविद्यालय में घुस गए और उन्होंने कक्षाओं एवं छात्रावासों में छात्रों और शिक्षकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। यह विश्वविद्यालय खबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर शहर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है। विश्वविद्यालय का नाम प्रसिद्ध नेता खान अब्दुल गफ्फार खान उर्फ बाचा खान के नाम पर रखा गया है। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी मारे गए जिसके साथ मृतकों की कुल संख्या 25 हो गई। आतंकी घने कोहरे का फायदा उठाते हुए विश्वविद्यालय की दीवारें फांद गए और उसकी इमारतों में घुस गए। विश्वविद्यालय परिसर के भीतर विस्फोटों और भारी गोलीबारी की आवाज सुनी गई। उस समय वहां बाचा खान की बरसी के मौके पर एक काव्य संगोष्ठी चल रही थी। बादशाह खान का 20 जनवरी, 1988 को निधन हो गया था।
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पढ़ें- कौन थे बाचा खान?जानें यूनिवर्सिटी से जुड़ी कुछ बातें
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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ फजल रहीम ने बताया कि हमले के दौरान विश्वविद्यालय के अंदर करीब 3,000 छात्र और 600 मेहमान मौजूद थे।
संघीय सूचना मंत्री परवेज राशिद ने विश्वविद्यालय का दौरा किया और मीडिया से कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा परिसर को खाली कराने के लिए शुरू किया गया अभियान पूरा हो गया। उन्होंने कहा कि हमला प्रांत में चल रहे सैन्य अभियान की प्रतिक्रिया है जिसने आतंकियों की कमर तोड़ दी है। अधिकारियों ने कहा कि मृतकों में एक प्रोफेसर, दो छात्र और चार सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने ट्विटर पर लिखा कि विश्वविद्यालय को खाली कराने के सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान चार आतंकवादी मारे गए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘निशानेबाजों ने छत पर दो आतंकवादियों को मार गिराया। अब तक चार आतंकवादी मारे गए हैं। सेना ने पूरी इमारत और छत पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है।’’
पीड़ितों के सिर या सीने में गोलियां मारी गईं। विश्वविद्यालय के अंदर की तस्वीरों में एक शयनकक्ष की खून से लथपथ फर्श और एक सीढ़ी पर पड़े दो कथित आतंकियों के शव नजर आ रहे हैं।
घायलों को अस्पताल ले जाया गया। शहर के सभी अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है और इलाके के सभी स्कूल बंद कर दिए गए। पेशावर के स्कूल में किए गए हमले के मास्टरमाइंड और तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीपीपी) के हकीमुल्लाह महसूद धड़े के कमांडर उमर मंसूर ने आज के हमले की जिम्मेदारी ली। उसने अफगानिस्तान के एक मोबाइल नंबर से स्थानीय मीडिया को फोन कर अपने संगठन द्वारा हमले को अंजाम देने का दावा किया।
आतंकी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला पेशावर स्कूल हमले के बाद से सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए उसके लोगों का बदला है। उसने हमले जारी रहने की चेतावनी दी। लेकिन तालिबान के दूसरे धड़े के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि वे इसमें शामिल नहीं हैं।
जियो टीवी ने अपनी खबर में बताया कि मृतकों में रसायन विभाग के प्रोफेसर हामिद हुसैन शामिल हैं। खबर में कहा गया, ‘‘बाहर निकलने के बाद विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने बताया कि रसायन विभाग के अध्यक्ष हामिद आतंकवादियों की गोलीबारी में शहीद हो गए।’’ खबर में बताया गया है कि आतंकी उनके कक्ष में घुसे और हामिद के सिर में गोली मारी। उनकी तुरंत मौत हो गई।
सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ पेशावर के कोर कमांडर और दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे जहां उन्हें अभियान की जानकारी दी गई। जनरल राहिल ने चारसद्दा के अस्पताल का भी दौरा किया जहां उन्होंने हमले में लोगों के मारे जाने पर शोक जताया और हमले में घायल हुए लोगों से मिले। उन्होंने पेशावर के कोर मुख्यालय में एक विशेष सुरक्षा सम्मेलन की अध्यक्षता भी की।
विश्व आर्थिक मंच के सत्र में शामिल होने के लिए स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष छात्रों और नागरिकों की हत्या करने वालों का कोई धर्म या आस्था नहीं है। शरीफ ने आतंकी हमले में कीमती जिंदगियों के नुकसान पर शोक और दुख जताया। प्रधानमंत्री ने जनरल राहिल को फोन कर आतंकी हमले पर चर्चा की। दोनों इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद एवं चरमपंथ के खिलाफ युद्ध पूरी ताकत के साथ जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने हमले के पीड़ितों के लिए कल एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने की भी घोषणा की।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘सरकार आतंकियों से निर्मम तरीके से निपटेगी। कायर और उनके वित्त पोषक देश से आतंकवाद के सफाये से जुड़ा हमारा राष्ट्रीय संकल्प देखेंगे। पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि शरीफ ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को चारसद्दा आतंकी हमले के आकाओं और वित्त पोषकों की धड़ पकड़ करने का निर्देश दिया। इससे पहले पेशावर में दिसंबर, 2014 में सेना संचालित एक स्कूल में तालिबान आतंकियों ने हमला कर 150 लोगों की जान ले ली थी। मृतकों में अधिकतर बच्चे थे। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भी आतंकवादी हमले की निंदा की।
ब्रिटेन के दौरे पर गए प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज खट्टक अपना दौरा बीच में ही छोड़ते हुए वापस लौट रहे हैं। विपक्षी आवामी नेशनल पार्टी ने दस दिनों के शोक की घोषणा की है। नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, पंजाब, खबर पख्तूनख्वा और सिंध के मुख्यमंत्रियों और तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने भी हमले की निंदा की। छात्रों के परिजन संस्थान के बाहर इकट्ठा हो गए हैं। घायलों को बचाने के लिए लगभग 20 एंबुलेंस विश्वविद्यालय पहुंची। इस बीच अमेरिका ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों ने मानव जीवन के प्रति जो लापरवाही दिखायी है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डेविड हैल ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका पाकिस्तान की सरकार और लोगों के साथ खड़ा है और आतंकवाद से लड़ने के उनके प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘‘इन हमलावरों द्वारा मानव जीवन के प्रति दिखायी गयी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।’’ हैल ने कहा, ‘‘यह खासतौर पर निंदनीय है कि हमलावरों ने एक शैक्षणिक संस्थान को निशाना बनाया जहां छात्र और शिक्षक खुद को और अपने देश पाकिस्तान को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह ‘‘भयावह’’ हमला ‘‘सबके लिए सम्मान के आधार पर एक सुरक्षित, स्थिर और खुशहाल देश के निर्माण की पाकिस्तानी लोगों की इच्छाओं’’ के पूरी तरह उलट है। अमेरिकी राजदूत ने कहा, ‘‘हम दुख के इस पल में पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका हमले के दोषियों को दंडित करने की पाकिस्तान की कोशिशों का समर्थन करता है।
पुलिस ने बताया कि बंदूकधारी प्रांत के चारसद्दा जिला स्थित बाचा खान विश्वविद्यालय में घुस गए और उन्होंने कक्षाओं एवं छात्रावासों में छात्रों और शिक्षकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। यह विश्वविद्यालय खबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर शहर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है। विश्वविद्यालय का नाम प्रसिद्ध नेता खान अब्दुल गफ्फार खान उर्फ बाचा खान के नाम पर रखा गया है। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी मारे गए जिसके साथ मृतकों की कुल संख्या 25 हो गई। आतंकी घने कोहरे का फायदा उठाते हुए विश्वविद्यालय की दीवारें फांद गए और उसकी इमारतों में घुस गए। विश्वविद्यालय परिसर के भीतर विस्फोटों और भारी गोलीबारी की आवाज सुनी गई। उस समय वहां बाचा खान की बरसी के मौके पर एक काव्य संगोष्ठी चल रही थी। बादशाह खान का 20 जनवरी, 1988 को निधन हो गया था।
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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ फजल रहीम ने बताया कि हमले के दौरान विश्वविद्यालय के अंदर करीब 3,000 छात्र और 600 मेहमान मौजूद थे।
संघीय सूचना मंत्री परवेज राशिद ने विश्वविद्यालय का दौरा किया और मीडिया से कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा परिसर को खाली कराने के लिए शुरू किया गया अभियान पूरा हो गया। उन्होंने कहा कि हमला प्रांत में चल रहे सैन्य अभियान की प्रतिक्रिया है जिसने आतंकियों की कमर तोड़ दी है। अधिकारियों ने कहा कि मृतकों में एक प्रोफेसर, दो छात्र और चार सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने ट्विटर पर लिखा कि विश्वविद्यालय को खाली कराने के सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान चार आतंकवादी मारे गए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘निशानेबाजों ने छत पर दो आतंकवादियों को मार गिराया। अब तक चार आतंकवादी मारे गए हैं। सेना ने पूरी इमारत और छत पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है।’’
पीड़ितों के सिर या सीने में गोलियां मारी गईं। विश्वविद्यालय के अंदर की तस्वीरों में एक शयनकक्ष की खून से लथपथ फर्श और एक सीढ़ी पर पड़े दो कथित आतंकियों के शव नजर आ रहे हैं।
घायलों को अस्पताल ले जाया गया। शहर के सभी अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है और इलाके के सभी स्कूल बंद कर दिए गए। पेशावर के स्कूल में किए गए हमले के मास्टरमाइंड और तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीपीपी) के हकीमुल्लाह महसूद धड़े के कमांडर उमर मंसूर ने आज के हमले की जिम्मेदारी ली। उसने अफगानिस्तान के एक मोबाइल नंबर से स्थानीय मीडिया को फोन कर अपने संगठन द्वारा हमले को अंजाम देने का दावा किया।
आतंकी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला पेशावर स्कूल हमले के बाद से सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए उसके लोगों का बदला है। उसने हमले जारी रहने की चेतावनी दी। लेकिन तालिबान के दूसरे धड़े के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि वे इसमें शामिल नहीं हैं।
जियो टीवी ने अपनी खबर में बताया कि मृतकों में रसायन विभाग के प्रोफेसर हामिद हुसैन शामिल हैं। खबर में कहा गया, ‘‘बाहर निकलने के बाद विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने बताया कि रसायन विभाग के अध्यक्ष हामिद आतंकवादियों की गोलीबारी में शहीद हो गए।’’ खबर में बताया गया है कि आतंकी उनके कक्ष में घुसे और हामिद के सिर में गोली मारी। उनकी तुरंत मौत हो गई।
सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ पेशावर के कोर कमांडर और दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे जहां उन्हें अभियान की जानकारी दी गई। जनरल राहिल ने चारसद्दा के अस्पताल का भी दौरा किया जहां उन्होंने हमले में लोगों के मारे जाने पर शोक जताया और हमले में घायल हुए लोगों से मिले। उन्होंने पेशावर के कोर मुख्यालय में एक विशेष सुरक्षा सम्मेलन की अध्यक्षता भी की।
विश्व आर्थिक मंच के सत्र में शामिल होने के लिए स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष छात्रों और नागरिकों की हत्या करने वालों का कोई धर्म या आस्था नहीं है। शरीफ ने आतंकी हमले में कीमती जिंदगियों के नुकसान पर शोक और दुख जताया। प्रधानमंत्री ने जनरल राहिल को फोन कर आतंकी हमले पर चर्चा की। दोनों इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद एवं चरमपंथ के खिलाफ युद्ध पूरी ताकत के साथ जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने हमले के पीड़ितों के लिए कल एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने की भी घोषणा की।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘सरकार आतंकियों से निर्मम तरीके से निपटेगी। कायर और उनके वित्त पोषक देश से आतंकवाद के सफाये से जुड़ा हमारा राष्ट्रीय संकल्प देखेंगे। पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि शरीफ ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को चारसद्दा आतंकी हमले के आकाओं और वित्त पोषकों की धड़ पकड़ करने का निर्देश दिया। इससे पहले पेशावर में दिसंबर, 2014 में सेना संचालित एक स्कूल में तालिबान आतंकियों ने हमला कर 150 लोगों की जान ले ली थी। मृतकों में अधिकतर बच्चे थे। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भी आतंकवादी हमले की निंदा की।
ब्रिटेन के दौरे पर गए प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज खट्टक अपना दौरा बीच में ही छोड़ते हुए वापस लौट रहे हैं। विपक्षी आवामी नेशनल पार्टी ने दस दिनों के शोक की घोषणा की है। नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, पंजाब, खबर पख्तूनख्वा और सिंध के मुख्यमंत्रियों और तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने भी हमले की निंदा की। छात्रों के परिजन संस्थान के बाहर इकट्ठा हो गए हैं। घायलों को बचाने के लिए लगभग 20 एंबुलेंस विश्वविद्यालय पहुंची। इस बीच अमेरिका ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों ने मानव जीवन के प्रति जो लापरवाही दिखायी है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डेविड हैल ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका पाकिस्तान की सरकार और लोगों के साथ खड़ा है और आतंकवाद से लड़ने के उनके प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘‘इन हमलावरों द्वारा मानव जीवन के प्रति दिखायी गयी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।’’ हैल ने कहा, ‘‘यह खासतौर पर निंदनीय है कि हमलावरों ने एक शैक्षणिक संस्थान को निशाना बनाया जहां छात्र और शिक्षक खुद को और अपने देश पाकिस्तान को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह ‘‘भयावह’’ हमला ‘‘सबके लिए सम्मान के आधार पर एक सुरक्षित, स्थिर और खुशहाल देश के निर्माण की पाकिस्तानी लोगों की इच्छाओं’’ के पूरी तरह उलट है। अमेरिकी राजदूत ने कहा, ‘‘हम दुख के इस पल में पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका हमले के दोषियों को दंडित करने की पाकिस्तान की कोशिशों का समर्थन करता है।
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