
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर काफी समय से तनाव है. रुक-रुककर पाकिस्तान की ओर संघर्षविराम उल्लंघन किया जा रहा है. भारतीय सीमा पर तैनात चौकस जवान भी गोलीबारी का जवाब दे रहे हैं.
भारतीय मीडिया इस गोलीबारी में मारे गए भारतीय सैनिकों का जिक्र करता रहा है, लेकिन यह पहली बार है कि पाकिस्तानी सेना ने यह स्वीकार किया है कि बीती रात इस गोलीबारी में उसके सात सैनिक मारे गए हैं.
यह घटना एलओसी पर स्थित भीमबेर सेक्टर में घटी. बता दें कि 2003 में जो संघर्षविराम लागू हुआ था वह पिछले कुछ समय से बेमानी सा प्रतीत होता है.
अपने जवानों की मौत के बाद बौखलाई पाक सेना ने अब एलओसी के कई सेक्टरों में भीषण गोलीबारी शुरू कर दी है. वह मोर्टार के साथ ही तोपखानों का इस्तेमाल भी कर रही है. उसने पुंछ, अखनूर, पलांनवाला, सुंदरबनी जैसे कई सेक्टरों में मोर्चे खोले दिए हैं जिसका भरपूर जवाब भारतीय सेना के जवान दे रहे है.
सेना के सूत्रों के मुताबिक बीती रात को एलओसी पर नोशेरा और सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम तीन अलग-अलग इलाकों में हमला करने की फिराक में थी. पाक की इस कार्रवाई में कुल 16 से 18 जवान शामिल थे. लेकिन पाक सेना का ये दांव उल्टा पड़ गया.
सेना के चौकस जवानों ने पाकिस्तानी टीम का मुहंतोड़ जबाव दिया जिसमें मेजर समेत पाकिस्तान के 7 जवान मारे गए. इतना ही नहीं पाक के एक दर्जन के करीब जवान घायल हुए हैं. इस कार्रवाई में भारतीय सेना का कोई नुकसान होने की खबर नहीं है.
गौरतलब है कि सेना के एलओसी पार आतंकियों के लांचिंग पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान 250 दफा से अधिक बार गोलीबारी कर चुका है. इन हमलों में 14 सुरक्षाकर्मियों समेत 26 लोगों की जान चली गई.
पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी गौतम बंबावले को पाकिस्तान सरकार की ओर से आज तलब किया गया था ताकि वे आधिकारिक रूप से इसकी शिकायत दर्ज करवा सकें.
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान ने 2003 में जम्मू कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी नहीं करने संबंधी युद्धविराम संधि की थी लेकिन तब से लेकर अब तक पाकिस्तान हजारों बार युद्ध विराम का उल्लंघन कर चुका है.
29 सितंबर को भारतीय जवानों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने के बाद सीमा पर तनाव है. पाकिस्तान इस बात का खंडन करता रहा है कि भारतीय जवानों ने एलओसी पार कोई सर्जिकल स्ट्राइक किया है. भारत ने पठानकोट हमले और उरी में आतंकी हमलों के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था.
गौरतलब है कि उरी में आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. अब तक दोनों ओर से लोगों के मारे जाने की बात कही जाती रही है लेकिन, पाकिस्तान ने पहली बार सात सैनिकों की मौत की बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकारा है.
भारतीय मीडिया इस गोलीबारी में मारे गए भारतीय सैनिकों का जिक्र करता रहा है, लेकिन यह पहली बार है कि पाकिस्तानी सेना ने यह स्वीकार किया है कि बीती रात इस गोलीबारी में उसके सात सैनिक मारे गए हैं.
यह घटना एलओसी पर स्थित भीमबेर सेक्टर में घटी. बता दें कि 2003 में जो संघर्षविराम लागू हुआ था वह पिछले कुछ समय से बेमानी सा प्रतीत होता है.
अपने जवानों की मौत के बाद बौखलाई पाक सेना ने अब एलओसी के कई सेक्टरों में भीषण गोलीबारी शुरू कर दी है. वह मोर्टार के साथ ही तोपखानों का इस्तेमाल भी कर रही है. उसने पुंछ, अखनूर, पलांनवाला, सुंदरबनी जैसे कई सेक्टरों में मोर्चे खोले दिए हैं जिसका भरपूर जवाब भारतीय सेना के जवान दे रहे है.
सेना के सूत्रों के मुताबिक बीती रात को एलओसी पर नोशेरा और सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम तीन अलग-अलग इलाकों में हमला करने की फिराक में थी. पाक की इस कार्रवाई में कुल 16 से 18 जवान शामिल थे. लेकिन पाक सेना का ये दांव उल्टा पड़ गया.
सेना के चौकस जवानों ने पाकिस्तानी टीम का मुहंतोड़ जबाव दिया जिसमें मेजर समेत पाकिस्तान के 7 जवान मारे गए. इतना ही नहीं पाक के एक दर्जन के करीब जवान घायल हुए हैं. इस कार्रवाई में भारतीय सेना का कोई नुकसान होने की खबर नहीं है.
गौरतलब है कि सेना के एलओसी पार आतंकियों के लांचिंग पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान 250 दफा से अधिक बार गोलीबारी कर चुका है. इन हमलों में 14 सुरक्षाकर्मियों समेत 26 लोगों की जान चली गई.
पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी गौतम बंबावले को पाकिस्तान सरकार की ओर से आज तलब किया गया था ताकि वे आधिकारिक रूप से इसकी शिकायत दर्ज करवा सकें.
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान ने 2003 में जम्मू कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी नहीं करने संबंधी युद्धविराम संधि की थी लेकिन तब से लेकर अब तक पाकिस्तान हजारों बार युद्ध विराम का उल्लंघन कर चुका है.
29 सितंबर को भारतीय जवानों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने के बाद सीमा पर तनाव है. पाकिस्तान इस बात का खंडन करता रहा है कि भारतीय जवानों ने एलओसी पार कोई सर्जिकल स्ट्राइक किया है. भारत ने पठानकोट हमले और उरी में आतंकी हमलों के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था.
गौरतलब है कि उरी में आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. अब तक दोनों ओर से लोगों के मारे जाने की बात कही जाती रही है लेकिन, पाकिस्तान ने पहली बार सात सैनिकों की मौत की बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकारा है.
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