पाकिस्तानी सेना ने भारत के इस दावे को खारिज किया कर दिया है कि बालाकोट में जैशे मोहम्मद के आतंकवादी ठिकाने के खिलाफ भारतीय लड़ाकू विमानों के हमले के जवाब में उसने भारत के खिलाफ अमेरिका निर्मित एफ 16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तान ने कहा कि उसने अभियान में जेएफ 17 थंडर लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया जिसे उसने चीन के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने 14 फरवरी को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना के साथ हवाई संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने 26 फरवरी को पाकिस्तानी हवाई सीमा का उल्लंघन किया और बम गिराये लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ और न ही आधारभूत ढांचे को कोई नुकसान ही हुआ.
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14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किये गए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैशे मोहम्मद ने ली थी. भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में जैशे मोहम्मद ठिकाने पर हवाई हमलों का जवाब देने के पाकिस्तान के प्रयास के एक दिन बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने एफ 16 द्वारा दागी गई एआईएम 120 एमराम (एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर टू एयर मिसाइल) के हिस्से दिखाये थे जो कि भारतीय क्षेत्र में गिरे थे. भारत ने यह भी कहा कि भारतीय राडार द्वारा जो इलेक्ट्रानिक सिग्नेचर दर्ज की गई है उससे पाकिस्तान द्वारा एफ 16 के इस्तेमाल की पुष्टि होती है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि वह भारत के खिलाफ अमेरिका निर्मित एफ16 विमानों के संभावित इस्तेमाल के बारे में पाकिस्तान से और सूचना मांग रहा है.
एफ 16 का इस तरह से इस्तेमाल इस संबंध में हुए समझौते का उल्लंघन है. गफूर ने रूसी संवाद समिति स्पूतनिक इंटरनेशनल से कहा कि जिस विमान ने लक्ष्यों के साथ संघर्ष किया वह जेएफ17 था. इसको लेकर कि एफ16 का किस तरह से इस्तेमाल करना है और किस संदर्भ में (उनका) इस्तेमाल हुआ या नहीं. क्योंकि उस समय हमारी पूरी वायुसेना अलर्ट पर थी. अब यह पाकिस्तान और अमेरिका के बीच की बात है कि देखें कि एफ 16 के इस्तेमाल को लेकर सहमतिपत्र का पालन हुआ या नहीं. उन्होंने अमेरिका के साथ मैत्री संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने जेएफ 17 विमानों के इस्तेमाल के बारे में चर्चा कर रहा है.
हालांकि इस बात पर जोर दिया कि यदि वैध आत्मरक्षा की बात आएगी तो देश जो भी जरूरी समझेगा उसका इस्तेमाल करेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केवल भारत को यह बताना चाहता था कि उसके पास पलटवार करने की क्षमता है. पाकिस्तान के पास अभियान के फुटेज हैं. गफूर ने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार क्षेत्र में युद्ध रोकने के लिए एक निरोधक उपकरण हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के अप्रसार की ओर कदम उठाएगा लेकिन तभी जब भारत ऐसा करे. पाकिस्तान ऐसे किसी भी कदम का स्वागत करेगा जो क्षेत्र में शांति ला सकता है. इसमें रूस के प्रयास शामिल हैं. गफूर ने रूस के साथ सैन्य सहयोग पर कहा कि पाकिस्तान रूस के साथ उड्डयन, वायु रक्षा प्रणाली और टैंक रोधी मिसाइलों के क्षेत्र में सहयोग पर बातचीत कर रहा है.
VIDEO: सैम पित्रोदा ने बालाकोट हमले पर उठाए सवाल.
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