प्रतीकात्मक चित्र
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने कराची की मलीर जेल में बंद 147 भारतीय मछुआरों को रविवार को रिहा कर दिया. इन मछुआरों को पाकिस्तान ने अपनी जल सीमा में कथित रूप से मछली पकड़ते हुए गिरफ्तार किया था. इस्लामाबाद में पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि ‘सद्भावना के तहत’ कराची में मछुआरों को रिहा किया गया. उन्हें लाहौर ले जाया जाएगा और सोमवार को वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा. गौरतलब है कि दिसंबर में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने घोषणा की थी कि करीब 300 भारतीय मछुआरों को 8 जनवरी तक दो चरणों में रिहा किया जाएगा. इससे पहले, 28 दिसंबर को पाकिस्तान ने प्रथम समूह के तौर पर 145 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था, जो इसी तरह के आरोप में वहां कैद रखे गए थे.
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जेल अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि मछुआरों की यात्रा का खर्च एधी फाउंडेशन उठाएगा. यह पाकिस्तान स्थित गैर लाभकारी कल्याण संगठन है. जेल अधीक्षक हसन सेहतो ने कहा, 'करीब 262 भारतीय मछुआरे मलीर जेल में अब भी हैं.' एक-दूसरे के जल क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने को लेकर पाकिस्तान और भारत के मछुआरे अक्सर ही हिरासत में ले लिए जाते हैं. दरअसल अरब सागर में स्पष्ट जल सीमा न होने के कारण लकड़ी की नौका में सवार मछुआरे पड़ोसी देशों की सीमा में दाखिल हो जाते हैं.
VIDEO : श्रीलंका नौसेना की फायरिंग में भारतीय मछुआरे की मौत
इन नौकाओं में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं होता, जिस कारण वे रास्ता भटक जाते हैं और देशों के जल सीमा के दावों में फंस जाते हैं.
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जेल अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि मछुआरों की यात्रा का खर्च एधी फाउंडेशन उठाएगा. यह पाकिस्तान स्थित गैर लाभकारी कल्याण संगठन है. जेल अधीक्षक हसन सेहतो ने कहा, 'करीब 262 भारतीय मछुआरे मलीर जेल में अब भी हैं.' एक-दूसरे के जल क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने को लेकर पाकिस्तान और भारत के मछुआरे अक्सर ही हिरासत में ले लिए जाते हैं. दरअसल अरब सागर में स्पष्ट जल सीमा न होने के कारण लकड़ी की नौका में सवार मछुआरे पड़ोसी देशों की सीमा में दाखिल हो जाते हैं.
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