- पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान से उनके परिवार को हफ्ते में एक बार मिलने की अनुमति दी है
- सरकार और सेना इमरान खान की बहनों को जेल में उनसे मिलने से रोक रही है, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की
- रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर धरना दे रहीं इमरान की बहनों समेत 400 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है
पाकिस्तान की सरकार और सेना हाथ धोकर इमरान खान के पीछे पड़ी हुई है. पाकिस्तान में अदालत ने यह फैसला सुना रखा है कि इमरान खान से उनके परिवार को हफ्ते में एक बार (मंगलवार) मिलने देना है. लेकिन वहां की सरकार और सेना अपनी तानाशाही चलाते हुए इमरान खान की बहनों को अपने भाई से नहीं मिलने दे रही है. वहां की पुलिस न केवल जेल के बाहर धरने पर बैठी बहनों और PTI वर्कर्स पर रात में पानी की बौछार कर रही है, बल्कि FIR भी दर्ज कर रही है.
PTI के संस्थापक इमरान खान की बहनें - अलीमा खान, उज्मा खान और नोरेन खान नियाजी - उन 400 लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ बुधवार, 17 दिसंबर को मामला दर्ज किया गया था. यह सभी रावलपिंडी की अदियाला जेल के पास धरने पर बैठे थे जिनको पुलिस ने शक्ति प्रयोग करके तितर-बितर किया था. इसी जेल में पार्टी के आलाकमान और पूर्व प्रधान मंत्री अभी कैद हैं.
इमरान की बहनों पर आतंकवाद और दंगा फैलाने का भी आरोप
FIR की एक कॉपी के आधार पर डॉन ने रिपोर्ट छापी है कि 35 नामजद व्यक्तियों सहित 400 संदिग्धों पर आतंकवाद विरोधी कानून, 1997 (एटीए) और पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें पेट्रोल बम का उपयोग और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 का उल्लंघन भी शामिल था, जो कर्फ्यू से जुड़ा प्रावधान है. नामजद आरोपियों में इमरान की बहनें, PTI महासचिव सलमान अकरम राजा, PTI नेता आलिया हमजा और PTI के वकील नईम पंजहुता समेत अन्य शामिल हैं. FIR में जिन धाराओं को जोड़ा गया है उनमें दंगा और हत्या करने की धारा भी शामिल है.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई के 14 वर्कर्स को गिरफ्तार भी किया गया, उन्हें आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) के सामने पेश किया गया, जिसने तीन दिन की फिजिकल रिमांड को मंजूरी दे दी और संदिग्धों को पुलिस हिरासत में लौटा दिया.
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