विज्ञापन
This Article is From Jan 29, 2021

पाकिस्तान को अपने बासमती चावल के लिए भौगोलिक संकेतक पहचान मिली

वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने ट्विटर पर घोषणा की, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पाकिस्तान ने भौगोलिक संकेत अधिनियम 2020 के तहत बासमती चावल को अपने भौगोलिक संकेतक (जीआई) के रूप में पंजीकृत किया है.

पाकिस्तान को अपने बासमती चावल के लिए भौगोलिक संकेतक पहचान मिली
बासमती चावल (सांकेतिक तस्वीर)
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान ने अपने बासमती चावल के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई) पहचान प्राप्त किया है. यह चावल के विशेष किस्म के लिए एक स्थानीय पंजीकरण तैयार करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिति मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. पाकिस्तान, यूरोपीय संघ में बासमती चावल को अपने उत्पाद के रूप में पंजीकृत करने के भारत के कदम का विरोध कर रहा है. जीआई टैग उन उत्पादों पर उपयोग किया जाने वाला एक संकेतक है, जिसकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति केन्द्र है और इस क्षेत्र के विशेष गुण और खासियत से युक्त है. पाकिस्तान 27-सदस्यीय यूरोपीय संघ में बासमती चावल को अपने उत्पाद के रूप में पंजीकृत करने के भारत के कदम के खिलाफ मामला लड़ रहा है. कानून के तहत जरूरी है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में किसी भी उत्पाद के पंजीकरण के लिए आवेदन करने से पहले इसे उस देश के भौगोलिक संकेत (जीआई) कानूनों के तहत उसे संरक्षित किया जाए. पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि देश को अपनी बासमती के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग मिला है.

पाकिस्तान में स्थानीय उत्पाद के रूप में पंजीकृत नहीं है बासमती, फिर भी भारतीय दावे को दी चुनौती

वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने ट्विटर पर घोषणा की, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पाकिस्तान ने भौगोलिक संकेत अधिनियम 2020 के तहत बासमती चावल को अपने भौगोलिक संकेतक (जीआई) के रूप में पंजीकृत किया है. इस अधिनियम के तहत, एक जीआई रजिस्ट्री का गठन किया गया है, जो जीआई को पंजीकृत करेगा तथा जीआई के प्रोपराइटर और अधिकृत इस्तेमालकर्ता के बुनियादी रिकॉर्ड को रखेगा.” उन्होंने कहा कि यह दुरुपयोग या नकल के खिलाफ हमारे उत्पादों की सुरक्षा प्रदान करेगा और गारंटी देगा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनका हिस्सा संरक्षित है. ‘‘मैं आपको उन उत्पादों के संबंध में अपने सुझाव भेजने के लिए प्रोत्साहित करता हूं जो पाकिस्तान के बौद्धिक संपदा संगठन के लिए जीआई के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं.''

पाकिस्तान से सटी इंटरनेशनल बॉर्डर पर बीएसएफ ने सुरंग ढूंढी

यह माना जाता है कि जीआई टैग की वजह से यूरोपीय संघ में पाकिस्तान की स्थिति मजबूत होगी. पिछले साल सितंबर में भारत ने बासमती चावल के एकमात्र स्वामित्व का दावा करते हुए यूरोपीय संघ को आवेदन दिया था. आवेदन प्रस्तुत करने के बाद बासमती चावल को पाकिस्तान के उत्पाद के रूप में संरक्षित करने का मुद्दा सामने आया था. अपने आवेदन में, भारत ने दावा किया कि विशेष रूप से इस लंबे सुगंधित ''बासमती'' चावल को इस उप-महाद्वीप के एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में उगाया जाता है. बासमती चावल के इतिहास की संक्षिप्त जानकारी पर प्रकाश डालने के बाद, भारत ने यह भी दावा किया कि यह उत्पादन वाला क्षेत्र उत्तर भारत का एक हिस्सा है, जो हिमालय की तलहटी से नीचे गंगा के मैदानी भाग का हिस्सा है. यूरोपीय संघ के समक्ष किये गये इस भारतीय दावे को दिसंबर में चुनौती दी गई थी और पाकिस्तान का मुख्य तर्क यह था कि बासमती चावल भारत और पाकिस्तान का संयुक्त उत्पाद है. पाकिस्तान दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सालाना पांच से सात लाख टन बासमती चावल का निर्यात करता है, जिसमें से दो लाख टन से ढाई लाख टन का निर्यात यूरोपीय संघ के देशों को किया जाता है.

Video: शरद पवार का सरकार पर हमला, कहा -क्या ये किसान पाकिस्तानी हैं?

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com