New Delhi:
इलक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों :ईवीएम: की कार्यकुशलता को लेकर भारत में कुछ लोगों द्वारा जरूर सवाल उठाए जा रहे हों लेकिन पाकिस्तान तथा कुछ अन्य पड़ोसी मुल्क इन मशीनों को पाने के इच्छुक हैं और इसके लिए वे भारत से संपर्क कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने भारत से एक तकनीकी दल वहां भेजने का अनुरोध किया है जो ये प्रदर्शित करके दिखाएं कि यह मशीन कैसे काम करती है। इसके अनुरूप भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड :बीईएल: और इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड :ईसीआईएल: का एक तकनीकी दल अगले महीने पाकिस्तान जायेगा और वहां इन मशीनों के बारे में विस्तार से जानकारी देगा। ये दोनों कंपनिया इलक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों का निर्मान करती हैं। गत दिनों चुनाव आयोग की हीरक जयंती समारोह के दौरान पाकिस्तान की ओर से चुनाव आयोग को यह अनुरोध किया गया। चुनाव आयोग ने यहां एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान का चुनाव आयोग अपने यहां चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के इस्तेमाल के बारे में सक्रियता से विचार कर रहा है और इस बारे में विभिन्न विकल्प देख रहा है। पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त न्यायमूर्ति हामिद अली मिर्जा ने चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग की इच्छा जताई है और भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने उन्हें भारत की ओर से सहयोग देने का भरोसा दिलाया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसी प्रकार नेपाल ने भी अपने यहां ईवीएम के विस्तार का अनुरोध किया है। नेपाल ने भारत के सहयोग से अपने यहां इवीएम की व्यवस्था लागू की है। नेपाल के मुख्य चुनाव अयुक्त नीलकंठ उप्रेती ने चुनाव आयोग से जल्द से जल्द एमओयू करने का अनुरोध किया है और साथ ही चुनावी कानून का मसौदा तैयार करने के लिए भातर की मदद चाही है। इसी तरह सुदूर अफ्रीकी देश इथियोपिया ने भी अपने यहां चुनावों में इवीएम लागू करने के लिए चुनाव आयोग का सहयोग मांगा है। थाइलैंड ने भी चुनाव आयोग से समझौता करने का अनुरोध किया है। भारत और अमेरिका के चुनाव आयोग ने एक संयुक्त तंत्र स्थापित कर तीसरे मुल्कों में चुनावी प्रबंधन को मदद देने के तौर तरीकों पर चर्चा की जबकि रूस ने मतदान केन्द्र स्तर पर प्रौद्योगिकी के अध्ययन के लिए कर्मियों के आदान प्रदान की पेशकश की है।