वाशिंगटन:
बलूचिस्तान के एक शीर्ष नेता ने शनिवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल बलूचिस्तान में 'मानवाधिकारों का भीषण उल्लंघन' कर रहे हैं. उन्होंने बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन में भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की मांग भी की है.
'बलूच रिपब्लिकन पार्टी' के अध्यक्ष एवं बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर खान बुगती के पोते ब्रहुमदाग़ बुगती ने हाल में बलूचिस्तान में हालात का मुद्दा उठाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया. गौरतलब है कि 10 साल पहले पाकिस्तानी सेना के साथ एक मुठभेड़ में नवाब अकबर खान बुगती मारे गए थे.
स्विटजरलैंड में रह रहे बुगती ने संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में बलूच लोगों के बीच जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए कहा, 'पाक सुरक्षा बल मानवाधिकारों के बेइंतहां उल्लंघनों में संलिप्त रहे हैं. हम लोग किसी भी हाल में पाकिस्तान के साथ अब और नहीं रहना चाहते.'
अपने दादा को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के संबंध में स्विट्जरलैंड गए बुगती ने फोन पर हुई बातचीत में अमेरिका, नाटो देशों, इस्राइल और भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया कि वे उनकी लड़ाई में उनकी मदद करें. उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आजादी के आंदोलन पर वह पीछे नहीं हटने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि फ्रांस के क्षेत्रफल के बराबर बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है, जिस पर पिछले सात दशक से पाकिस्तान का अवैध कब्जा है. बुगती ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया टिप्पणी बीते सात दशक में 'सबसे प्रभावशाली बयान' है. बुगती ने कहा कि बलूचिस्तान की आजादी को लेकर वह आश्वस्त हैं.
उन्होंने कहा, 'यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस संबंध में बोला है. हमारा मानना है कि भारत को यह कदम बहुत पहले उठा लेना चाहिए था.' बलूच लोगों के खिलाफ पाकिस्तान के अपराध को वैश्विक समुदाय के लिए चौंकाने वाला बताते हुए उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं. भारत के स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में बलूच लोगों की आवाज उठाने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं.'
बुगती ने दावा किया कि बलूचिस्तान में हवाई बमबारी, गैसों का इस्तेमाल रोजाना की बात हो गई है और यह क्षेत्र गुमशुदा लोगों की वैश्विक राजधानी बन गया है. उन्होंने कहा, 'हम राजनीतिक लोग हैं. हम इसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहते हैं. लेकिन, अब किसी भी हाल में हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बने रहना चाहते. हम पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं. हम इतने मूर्ख नहीं हैं जो बार-बार पाकिस्तान के साथ अपनी किस्मत आजमाएं. हमलोग शांतिपूर्ण तरीके से संवाद के लिए तैयार हैं.'
बलूच नेता ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जागरुकता फैलाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने बलूच स्वतंत्रता संघर्ष में सैन्य सहायता के लिए भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'हमें अब तक भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के किसी देश से कोई सहयोग नहीं मिला है. हम भारत और अन्य देशों से बलूचिस्तान की मदद करने का अनुरोध करते हैं. पाकिस्तान में बलूच लोगों का नरसंहार जारी है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
'बलूच रिपब्लिकन पार्टी' के अध्यक्ष एवं बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर खान बुगती के पोते ब्रहुमदाग़ बुगती ने हाल में बलूचिस्तान में हालात का मुद्दा उठाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया. गौरतलब है कि 10 साल पहले पाकिस्तानी सेना के साथ एक मुठभेड़ में नवाब अकबर खान बुगती मारे गए थे.
स्विटजरलैंड में रह रहे बुगती ने संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में बलूच लोगों के बीच जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए कहा, 'पाक सुरक्षा बल मानवाधिकारों के बेइंतहां उल्लंघनों में संलिप्त रहे हैं. हम लोग किसी भी हाल में पाकिस्तान के साथ अब और नहीं रहना चाहते.'
अपने दादा को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के संबंध में स्विट्जरलैंड गए बुगती ने फोन पर हुई बातचीत में अमेरिका, नाटो देशों, इस्राइल और भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया कि वे उनकी लड़ाई में उनकी मदद करें. उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आजादी के आंदोलन पर वह पीछे नहीं हटने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि फ्रांस के क्षेत्रफल के बराबर बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है, जिस पर पिछले सात दशक से पाकिस्तान का अवैध कब्जा है. बुगती ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया टिप्पणी बीते सात दशक में 'सबसे प्रभावशाली बयान' है. बुगती ने कहा कि बलूचिस्तान की आजादी को लेकर वह आश्वस्त हैं.
उन्होंने कहा, 'यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस संबंध में बोला है. हमारा मानना है कि भारत को यह कदम बहुत पहले उठा लेना चाहिए था.' बलूच लोगों के खिलाफ पाकिस्तान के अपराध को वैश्विक समुदाय के लिए चौंकाने वाला बताते हुए उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं. भारत के स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में बलूच लोगों की आवाज उठाने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं.'
बुगती ने दावा किया कि बलूचिस्तान में हवाई बमबारी, गैसों का इस्तेमाल रोजाना की बात हो गई है और यह क्षेत्र गुमशुदा लोगों की वैश्विक राजधानी बन गया है. उन्होंने कहा, 'हम राजनीतिक लोग हैं. हम इसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहते हैं. लेकिन, अब किसी भी हाल में हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बने रहना चाहते. हम पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं. हम इतने मूर्ख नहीं हैं जो बार-बार पाकिस्तान के साथ अपनी किस्मत आजमाएं. हमलोग शांतिपूर्ण तरीके से संवाद के लिए तैयार हैं.'
बलूच नेता ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जागरुकता फैलाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने बलूच स्वतंत्रता संघर्ष में सैन्य सहायता के लिए भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'हमें अब तक भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के किसी देश से कोई सहयोग नहीं मिला है. हम भारत और अन्य देशों से बलूचिस्तान की मदद करने का अनुरोध करते हैं. पाकिस्तान में बलूच लोगों का नरसंहार जारी है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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