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This Article is From Sep 30, 2013

पाक ने आतंकवाद पर नहीं दिया कोई स्पष्ट भरोसा, कश्मीर मुद्दा उठाया

पाक ने आतंकवाद पर नहीं दिया कोई स्पष्ट भरोसा, कश्मीर मुद्दा उठाया
न्यूयार्क: पाकिस्तान ने आतंकवाद पर भारत की चिंताओं का समाधान करने के लिए रविवार को कोई स्पष्ट भरोसा नहीं दिया बल्कि इसके बजाय कश्मीर मुद्दा और बलूचिस्तान में भारत द्वारा ‘बाहरी हस्तक्षेप’ का मुद्दा उठा दिया।

पाकिस्तान के विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, ‘आतंकवाद पर चर्चा की गई। हम आतंकवाद पर आपकी चिंताओं से अवगत हैं और मेरा मानना है कि भारतीय पक्ष भी हमारी चिंताओं से अवगत है।’

जिलानी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री शरीफ ने भी बलूचिस्तान और पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में बाहरी हस्तक्षेप पर जोर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं कि आज की बैठक में जम्मू कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर चर्चा हुई।’

उन्होंने कश्मीर को एक ‘बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा’ बताते हुए कहा कि इसका समाधान होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘हमने दोनों नेतृत्वों में एक सौहार्दपूर्ण ढंग से एक समान इच्छा देखी।’ हाफिज सईद और जमात उद दावा पर सवालों का जवाब देते हुए जिलानी कोई प्रतिबद्धता देने से बचते नजर आए और कहा कि जमात उद दावा और हाफिज सईद सहित आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दोनों पक्षों में ‘इच्छा और प्रतिबद्धता’ है।

जिलानी ने बैठक को ‘बहुत सकारात्मक और रचानात्मक’ बताया। जिलानी के अनुसार शरीफ ने बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के पास शांतिवार्ता जारी रखने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘नेताओं ने दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जतायी। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने उन सभी मुद्दों और कारणों पर चर्चा किया जो दोनों देशों के संबंधों की वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।’

भारत ने सीमापार से आतंकवाद जारी रहने और मुम्बई आतंकवादी हमले के षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद नीत जमात उद दावा जैसे संगठनों को पाकिस्तानी सरकार की ओर से मिलने वाले समर्थन का मुद्दा उठाया।

आरोपों का जवाब देते हुए जिलानी ने कहा कि जमात उद दावा द्वारा संचालित विद्यालय और अन्य शैक्षिक संस्थानों का कामकाज प्रांतीय सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है। ऐसा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस संबंध में जारी प्रस्ताव का पालन करते हुए इस्लामाबाद द्वारा जारी निर्देश पर किया गया।
उन्होंने दावा किया कि संयुक्त राष्ट्र की निगरानी टीम ने हाल में देश का दौरा किया था और उसने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि पाकिस्तान ने ऐसे कुछ भी नहीं किया है जिससे इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के उल्लंघन होता हो।

जिलानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दल ने हाल में एक रिपोर्ट में सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के क्रियान्वयन को लेकर पूरा संतोष जताया था। उन्होंने कहा, ‘शांतिपूर्ण, सतत और निर्बाध बातचीत का कोई विकल्प नहीं है। हमें अपने सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए नियमित आधार पर एक बातचीत होनी चाहिए।’

उन्होंने ‘आतंकवाद का केंद्र’ संबंधी सिंह की हाल की टिप्पणी पर कहा कि इसे नहीं उठाया गया।

जिलानी ने कहा, ‘इसे (आतंकवाद का केंद्र) बैठक के दौरान नहीं उठाया गया। आतंकवाद पर चर्चा हुई लेकिन उस परिप्रेक्ष्य में नहीं जिसकी आप बात कर रहे हैं।’

पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि मुम्बई आतंकवादी हमले की जांच धीमी पाकिस्तानी न्यायिक आयोग की भारत यात्रा में विलंभ के चलते हुई है। उनकी हाल की यात्रा के बाद वे रिपोर्ट देंगे और प्रक्रिया में तेजी आएगी।

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