
अली अहसान मुजाहिद की फाइल तस्वीर
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए युद्ध अपराधों के लिए बांग्लादेश में दो शीर्ष विपक्षी नेताओं को फांसी दिए जाने पर 'चिंता और आक्रोश' जताया। विदेश विभाग ने बांग्लादेश के विपक्षी नेताओं सलाउद्दीन कादिर चौधरी और अली अहसान मुजाहिद को फांसी दिए जाने पर एक बयान जारी किया, जिनकी दया याचिका राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने खारिज कर दी थी।
बयान में कहा गया है, हम दुर्भाग्यपूर्ण फांसी पर गहरी चिंता और आक्रोश जताते हैं... इस घटनाक्रम पर पाकिस्तान बहुत बेचैन है। इसमें कहा गया है, जैसा कि पहले जोर देकर कहा गया था हमने बांग्लादेश में 1971 की घटनाओं को लेकर मुकदमों की दोषपूर्ण सुनवाई पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया देखी है।
पाकिस्तान ने कहा है कि 9 अप्रैल 1974 को पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते की भावना के अनुरूप बांग्लादेश में सुलह समझौते की जरूरत है। समझौता 1971 से संबंधित मामलों पर आगे बढ़ने की अवधारणा का आह्वान करता है। इसमें कहा गया है कि इससे सद्भावना और समरसता को बढ़ावा मिलेगा।
बयान में कहा गया है, हम दुर्भाग्यपूर्ण फांसी पर गहरी चिंता और आक्रोश जताते हैं... इस घटनाक्रम पर पाकिस्तान बहुत बेचैन है। इसमें कहा गया है, जैसा कि पहले जोर देकर कहा गया था हमने बांग्लादेश में 1971 की घटनाओं को लेकर मुकदमों की दोषपूर्ण सुनवाई पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया देखी है।
पाकिस्तान ने कहा है कि 9 अप्रैल 1974 को पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते की भावना के अनुरूप बांग्लादेश में सुलह समझौते की जरूरत है। समझौता 1971 से संबंधित मामलों पर आगे बढ़ने की अवधारणा का आह्वान करता है। इसमें कहा गया है कि इससे सद्भावना और समरसता को बढ़ावा मिलेगा।
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