प्रतीकात्मक फोटो
कराची:
पाकिस्तान की एक अदालत ने भारतीय खुफिया एजेंसी 'रॉ' का एजेंट होने के आरोपी तीन पाकिस्तानी नागरिकों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इनके खिलाफ विस्फोटक और अवैध हथियार रखने के पांच मामले थे.
'डॉन' में की एक खबर के अनुसार, ताहिर उर्फ लाम्बा, जुनैद खान और इम्तियाज को पिछले वर्ष अप्रैल में मलिर क्षेत्र से विस्फोटक सामग्री और बिना लाइसेंस के हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस का आरोप था कि ये कराची से संचालित राजनीतिक दल मुताहिदा कौमी मूवमेंट :एमक्यूएम: के सदस्य हैं और इन्हें रॉ ने प्रशिक्षित किया है. एमक्यूएम मुजाहिरों (सिंध प्रांत की उर्दू भाषी जनता) का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है. एमक्यूएम कराची की इकलौती सबसे बड़ी पार्टी है और लंबे समय से राजनीति में प्रभावशाली रही है. लेकिन संघ सरकार की ओर से शुरू किए गए 'सफाई अभियान' के कारण राजनीतिक दल काफी दबाव में है.
खबर के अनुसार, आतंकवाद-विरोधी अदालत-छह के न्यायाधीश अब्दुल नईम मेमन ने केन्द्रीय कारागार के भीतर सुनवायी करते हुए आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ अपना मामला साबित करने में असफल रहा है. अदालत ने कहा कि दस्तावेजी साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष के गवाहों में बहुत फर्क है. पुलिस की जांच भी त्रुटिपूर्ण रही है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पुलिस ने पहले ताहिर और जुनैद को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से कथित रूप से विस्फोट, हथियार और हथगोले बरामद किए. उन लोगों ने इम्तियाज के बारे में बताया. उसे मार्च 2015 में एमक्यूएम मुख्यालय नाइन-जीरो से गिरफ्तार किया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
'डॉन' में की एक खबर के अनुसार, ताहिर उर्फ लाम्बा, जुनैद खान और इम्तियाज को पिछले वर्ष अप्रैल में मलिर क्षेत्र से विस्फोटक सामग्री और बिना लाइसेंस के हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस का आरोप था कि ये कराची से संचालित राजनीतिक दल मुताहिदा कौमी मूवमेंट :एमक्यूएम: के सदस्य हैं और इन्हें रॉ ने प्रशिक्षित किया है. एमक्यूएम मुजाहिरों (सिंध प्रांत की उर्दू भाषी जनता) का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है. एमक्यूएम कराची की इकलौती सबसे बड़ी पार्टी है और लंबे समय से राजनीति में प्रभावशाली रही है. लेकिन संघ सरकार की ओर से शुरू किए गए 'सफाई अभियान' के कारण राजनीतिक दल काफी दबाव में है.
खबर के अनुसार, आतंकवाद-विरोधी अदालत-छह के न्यायाधीश अब्दुल नईम मेमन ने केन्द्रीय कारागार के भीतर सुनवायी करते हुए आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ अपना मामला साबित करने में असफल रहा है. अदालत ने कहा कि दस्तावेजी साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष के गवाहों में बहुत फर्क है. पुलिस की जांच भी त्रुटिपूर्ण रही है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पुलिस ने पहले ताहिर और जुनैद को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से कथित रूप से विस्फोट, हथियार और हथगोले बरामद किए. उन लोगों ने इम्तियाज के बारे में बताया. उसे मार्च 2015 में एमक्यूएम मुख्यालय नाइन-जीरो से गिरफ्तार किया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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