पाकिस्तान की एक अदालत ने नौ महीने के एक बच्चे के खिलाफ हत्या के आरोपों का आज निपटारा कर दिया। अदालत ने पुलिस के यह स्वीकार करने के बाद यह मामला हटा दिया कि नाबालिग का नाम आना एक 'मानवीय भूल' थी।
पुलिस ने लाहौर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रफाकत अली को बताया कि मोहम्मद मूसा का नाम प्राथमिकी से हटा दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस और गैस कंपनी के अधिकारियों पर हमला करने के मामले में मूसा का नाम आना एक 'मानवीय भूल' थी।
अदालत ने प्राथमिकी में बच्चे का नाम लेने के लिए एक पुलिसकर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश ने पिछली सुनवाई में 12 अप्रैल तक के लिए बच्चे की अंतरिम जमानत मंजूर की थी और पुलिस को 'बयान दर्ज करने' का निर्देश दिया था।
स्थानीय मीडिया के यह मामला उठाने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने माफी मांगी और मामले से मूसा नाम हटाने का आदेश दिया था। बच्चे के खिलाफ मामला दर्ज करने वाले उप निरीक्षक काशिफ अहमद को निलंबित कर दिया गया था।
बच्चे के पिता ने कहा कि पुलिस ने उसके, उसके बच्चे और उसके इलाके के 25 अन्य लोगों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था। उसने संबंधित अधिकारियों से प्राथमिकी रद्द करने की अपील करते हुए कहा था, 'हमारा अपराध यह है कि हमने हमारे इलाके में बिजली उपलब्ध नहीं होने का विरोध किया था।'
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