लाहौर:
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ करीब तीन हफ्ते से जारी हिंसक संघर्ष को खत्म करते हुए खूंखार छोटू गिरोह के नेता सहित अन्य अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ इस गिरोह ने पंजाब प्रांत में द्वीप पर अपने ठिकानों में बंधक बनाए सभी 24 पुलिसकर्मियों को रिहा कर दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गुलाम रसूल उर्फ छोटू (गिरोह का नेता) ने लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर राजनपुर जिले में 70 से अधिक गैंगस्टर के साथ पाकिस्तान सेना के सामने आत्मसमर्पण किया। सेना ने प्रांत के दक्षिणी भाग में सिंधु नदी के द्वीप पर अपराधियों और उनके परिवारों के ठिकाने को चारों तरफ से घेर लिया था और उन्हें आत्मसमर्पण की चेतावनी दी थी।
अधिकारी ने कहा, 'सेना ने गिरोह के सदस्यों को बंधकों को छोड़ने और आत्मसमर्पण करने के लिए अंतिम समयसीमा दी थी।' पंजाब पुलिस की नाकामी के बाद पाकिस्तानी सेना को अपराधियों के खिलाफ अभियान के लिए बुलाया गया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी फौज कई दिनों से छोटू गैंग से मुक़ाबला कर रही थी। इस काम में सेना के हेलिकॉप्टर भी लगे थे। इस गिरोह के सरगना का नाम गुलाम रसूल उर्फ छोटू हैं। पाकिस्तान में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, ग़ुलाम रसूल का नाम छोटू गिरोह के पूर्व सरग़ना बाबा लवांग ने दिया था, क्योंकि जब वह इस गिरोह में शामिल हुआ था तो उनकी उम्र काफी कम थी।
बीबीसी पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, एक छोटे किसान के बेटे ग़ुलाम रसूल उर्फ़ छोटू ने 1988 में काशमोर इलाक़े में ट्रक ड्राइवरों के लिए बने ढाबे पर भी काम किया। उस समय उनकी उम्र केवल 13 साल थी। इस इलाक़े में छोटू गैंग एक दशक से भी अधिक समय से सक्रिय था कुछ लोगों का मानना है कि इस गैंग में तीन सौ से अधिक लोग शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छोटू गैंग अपने आप में एक छोटी सेना के बराबर है जिसके पास बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार और सैन्य साजोसामान थे। बताया जाता है इस गैंग के पास विमान को मार गिराने वाली तोंपें भी थीं और ये गिरोह रॉकेट लॉन्चर, लाइट मशीन गनें, सब मशीन गन, टैंक को ध्वस्त करने वाली बारूदी सुरंगें इस्तेमाल करता रहा है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गुलाम रसूल उर्फ छोटू (गिरोह का नेता) ने लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर राजनपुर जिले में 70 से अधिक गैंगस्टर के साथ पाकिस्तान सेना के सामने आत्मसमर्पण किया। सेना ने प्रांत के दक्षिणी भाग में सिंधु नदी के द्वीप पर अपराधियों और उनके परिवारों के ठिकाने को चारों तरफ से घेर लिया था और उन्हें आत्मसमर्पण की चेतावनी दी थी।
अधिकारी ने कहा, 'सेना ने गिरोह के सदस्यों को बंधकों को छोड़ने और आत्मसमर्पण करने के लिए अंतिम समयसीमा दी थी।' पंजाब पुलिस की नाकामी के बाद पाकिस्तानी सेना को अपराधियों के खिलाफ अभियान के लिए बुलाया गया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी फौज कई दिनों से छोटू गैंग से मुक़ाबला कर रही थी। इस काम में सेना के हेलिकॉप्टर भी लगे थे। इस गिरोह के सरगना का नाम गुलाम रसूल उर्फ छोटू हैं। पाकिस्तान में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, ग़ुलाम रसूल का नाम छोटू गिरोह के पूर्व सरग़ना बाबा लवांग ने दिया था, क्योंकि जब वह इस गिरोह में शामिल हुआ था तो उनकी उम्र काफी कम थी।
बीबीसी पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, एक छोटे किसान के बेटे ग़ुलाम रसूल उर्फ़ छोटू ने 1988 में काशमोर इलाक़े में ट्रक ड्राइवरों के लिए बने ढाबे पर भी काम किया। उस समय उनकी उम्र केवल 13 साल थी। इस इलाक़े में छोटू गैंग एक दशक से भी अधिक समय से सक्रिय था कुछ लोगों का मानना है कि इस गैंग में तीन सौ से अधिक लोग शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छोटू गैंग अपने आप में एक छोटी सेना के बराबर है जिसके पास बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार और सैन्य साजोसामान थे। बताया जाता है इस गैंग के पास विमान को मार गिराने वाली तोंपें भी थीं और ये गिरोह रॉकेट लॉन्चर, लाइट मशीन गनें, सब मशीन गन, टैंक को ध्वस्त करने वाली बारूदी सुरंगें इस्तेमाल करता रहा है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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