इस्लामाबाद:
तालिबान के दो आत्मघाती हमलावरों ने शुक्रवार को पश्चिमोत्तर पाकिस्तान स्थित एक अर्द्धसैनिक अकादमी में खुद को विस्फोट से उड़ाकर 80 लोगों को मार डाला। मरने वालों में ज्यादातर बल के जवान थे। इस हमले को अमेरिकी बलों के अभियान में कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने का बदला बताते हुए तालिबान ने और खूनखराबा करने का इरादा जताया है। लादेन के मारे जाने के एक पखवाड़े के भीतर देश में हुआ यह सबसे बड़ा हमला है। पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के शबाकदर शहर में अर्धसैनिक बलों के एक प्रशिक्षण केंद्र पर हुए इन दो आत्मघाती विस्फोटों में 80 लोग मारे गए तथा 100 से अधिक घायल हो गए। दोनों आत्मघाती हमले उस समय हुए जब फ्रंटियर कॉन्स्टेबलेरी के कई जवान एक साल का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद रवाना होने वाले थे। हमलों में 115 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हमलावर अलग-अलग मोटरसाइकिलों पर आए और तड़के परिसर के मुख्य द्वार पर उनका कहर टूटा। पहले आत्मघाती हमलावर ने खबर पख्तूनवा प्रांत की राजधानी पेशावर से करीब 35 किमी दूर शबाकदर स्थित फ्रंटियर कॉन्स्टेबलेरी के प्रशिक्षण केंद्र के मुख्य द्वार पर खुद को विस्फोट से उड़ाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आठ मिनट बाद दूसरा आत्मघाती हमलावर मोटरसाइकिल से आया और पहले हमले वाले स्थान पर उसने भी खुद को विस्फोट से उड़ा लिया। उस समय सुरक्षाकर्मी घटना स्थल से घायलों और मृतकों को हटा रहे थे। सरकारी पीटीवी की खबर में एक पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए बताया गया है कि दोनों हमलों में कुल 80 व्यक्ति मारे गए, जिनमें अधिकतर फ्रंटियर कॉन्स्टेबलरी के जवान थे। शबाकदर और पेशावर के अस्पतालों में 115 से अधिक घायलों को भर्ती कराया गया है। पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान के प्रवक्ता अहसानुल्लाह अहसान ने उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के एक अज्ञात ठिकाने से संवाददाताओं को फोन पर बताया कि यह हमला लादेन की हत्या का पहला बदला है। उसने और भी बड़े हमलों की धमकी दी है। 2 मई को ऐबटाबाद में अमेरिकी बलों के एक अभियान में लादेन के मारे जाने के बाद यह पहला बड़ा हमला है। अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जाहिर करते हुए बताया कि पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती 40 घायल लोगों की हालत गंभीर है। अधिकारियों के अनुसार, सीमाई पुलिस के इन जवानों ने हाल ही में अपना एक साल का प्रशिक्षण पूरा किया था और 5 मई को उनकी पासिंग आउट परेड भी संपन्न हुई थी। जब यह हमला हुआ, उस वक्त यह जवान 10 दिनों की छुट्टियों में अपने घर जा रहे थे। पुलिस के अनुसार, मरने वालों में आठ नागरिक भी हैं। विस्फोट से 20 दुकानें तथा कई गाड़ियां भी नष्ट हो गईं। सीमाई पुलिस के कमांडेंट अकबर होटी ने संवाददाताओं को बताया कि इस दस्ते द्वारा बरती जाने वाली सावधानी के कारण विस्फोट के प्रभाव और भयावह नहीं हो पाए।
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पाकिस्तान, धमाका, 73 जवान मरे