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This Article is From Jul 01, 2017

अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान का दिखावा, जमात-उद-दावा के 'मुखौटा' संगठन को किया बैन

जमात-उद-दावा को नए सिरे से तहरीक के रूप में शुरू करना दिखाता है कि सईद ने इस बात पर काम किया है कि जमात उद दावा और उससे जुड़े फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर कार्वाई के बाद कैसे उसे फिर से खड़ा किया जा सकता है.

अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान का दिखावा, जमात-उद-दावा के 'मुखौटा' संगठन को किया बैन
हाफिज सईद
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आतंकवाद और उसके वित्तीय पोषण पर रोक लगाने के लिए एक वैश्विक निगरानी संस्था समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के देश पर बढ़ते दबाव के बीच हाफिज सईद के आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के एक नए नए छद्म संगठन 'तहरीक-ए-आजादी जम्मू कश्मीर' पर गुपचुप तरीके से प्रतिबंध लगा दिया है. तहरीक ने लाहौर में सईद को 90 दिन के लिए 'नजरबंद ' किए जाने के बाद पांच फरवरी को 'कश्मीर दिवस ' पर पाकिस्तान भर में बैनर लहराने और कश्मीर की आजादी के समर्थन में रैलियां करने पर जमात-उद-दावा के एक नए नए छद्म संगठन के तौर पर पहचान हासिल की थी. वर्ष 2008 के मुंबई हमले के सरगना ने अपनी नजरबंदी से एक सप्ताह पहले ऐसे संकेत दिए थे कि वह 'कश्मीर की आजादी के अभियान को तेज करने के लिए ' तहरीक की स्थापना कर सकता है. मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे.

जमात-उद-दावा को नए सिरे से तहरीक के रूप में शुरू करना दिखाता है कि सईद ने इस बात पर काम किया है कि जमात उद दावा और उससे जुड़े फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर कार्वाई के बाद कैसे उसे फिर से खड़ा किया जा सकता है.

पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध सूची के अनुसार, स्पेन में वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) की बैठक से पहले आठ जून को जमात उद दावा को 'प्रतिबंधित संगठनों ' की सूची में डाल दिया गया था.

द नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक जमात-उद-दावा ने अपने नए मोर्चे पर प्रतिबंध पर चर्चा करने के लिए सोमवर को एक बैठक बुलाई. प्रतिबंधित संगठनों की सूची में भारत में 26/11 हमले और कई अन्य हमले करने के लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान और जमात-उद-दावा की सशस्त्र इकाई लश्कर-ए-तैयबा समेत 64 अन्य संगठन भी शामिल है.

पाकिस्तानी अखबार डॉन में आज प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इस बात को लेकर एफएटीएफ के रडार पर है कि वह संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध संगठनों के खिलाफ प्रतिबंधों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहा है.

भारत ने इस वर्ष फरवरी ने एफएटीएफ में आतंकवाद के वित्तीय पोषण का मुद्दा उठाया था. पाकिस्तान सरकार पर आतंकवादी नेटवर्को और उनके मोर्चो पर कार्रवाई करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है. बहरहाल, खबर के मुताबिक, पाकिस्तान अधिकारियों को उम्मीद है कि पाकिस्तान इन परेशानियों से बाहर निकल आएगा. संयुक्त राष्ट्र ने जमात-उद-दावा और एफआईएफ दोनों को क्रमश: 2008 और 2012 में अपनी निगरानी सूची में रखा था.

टीएजेके पर कजाकस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन से एक दिन पहले आठ जून को प्रतिबंध लगाया गया. भारत ने इस सम्मेलन में आतंकवादी संगठनों और उनके मोर्चो के वित्तीय पोषण पर लगाम लगाने के लिए एससीओ के सदस्यों पर दबाव डाला था.

गत सप्ताह अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. यह घोषणा तब की गई जब कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली द्विपक्षीय मुलाकात होनी थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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