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ड्रोन हमलों को लेकर वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच एक आपसी समझ का इशारा करते हुए एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार ने अब सार्वजनिक रूप से अमेरिका से ड्रोन हमले रोकने को कहा है लेकिन इसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया।
वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक विदेश संबंध परिषद में सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान शोधार्थी मिकाह जेन्को ने कहा कि दरअसल अमेरिका ने जब भी ड्रोन हमलों के लिए हवाई क्षेत्र को खोलने को कहा तो पाकिस्तान सरकार लगातार हवाई क्षेत्र को हमलों के लिए तैयार कराती रही।
जेन्को ने इस सप्ताह के अंत में नए सीआईए निदेशक की नियुक्ति की कांग्रेस द्वारा पुष्टि किए जाने से पूर्व यह बात कही।
जेन्को ने कहा, ‘‘हालांकि पाकिस्तानी अब हमलों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं लेकिन अमेरिका उन्हें अग्रिम तौर पर बताता रहा है कि ड्रोन विमान किन इलाकों में उड़ान भरेंगे। और उसके बाद पाकिस्तान ऐसे हवाई क्षेत्रों में अपना कोई विमान नहीं रखता था और उसे खाली करा देता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वो देश जहां भी ये हमले हुए, उन्हें पता होता है कि ऐसा होने जा रहा है। फर्क अब केवल इतना है कि पाकिस्तान में सरकार ने अमेरिका से इन्हें रोकने के लिए कहा है लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया है।’’
जेन्को ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए पाकिस्तानी सेना कल अमेरिकी ड्रोन को हमला करके गिरा सकती है यदि वह ऐसा करना चाहे तो। इसलिए पाकिस्तान सरकार ने ड्रोन हमलों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। लेकिन वे बार बार अपील करते रहे।’’
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