- पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए वाशिंगटन जा सकते हैं
- ट्रंप की योजना है कि गाजा में मुस्लिम देश सैनिक भेजें और इसके लिए वह पाकिस्तान पर दबाव डाल सकते हैं
- आसिम मुनीर ने अमेरिका की बात मानी तो पाकिस्तान के अंदर विद्रोह भड़क सकता है
आसिम मुनीर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गोद में बैठना है या फिर पाकिस्तान की आवाम की इच्छा का सम्मान करना है? जियोपॉलिटिक्स पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के लिए यह सवाल लाख टके का सवाल है. दरअसल पिछले कई दशकों में पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली सैन्य प्रमुख को सबसे कठिन परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ अमेरिका इस्लामाबाद पर यह दवाब डाल रहा है कि वह भी गाजा में लॉ-एंड-ऑर्डर बनाए रखने के लिए भेजी जा रही अंतर्राष्ट्रीय सेना (गाजा इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स) में अपने सैनिकों को भेजे. वहीं दूसरी तरफ विश्लेषकों का कहना है कि अगर पाकिस्तान सेना ऐसा कदम उठाती है तो पाकिस्तान के अंदर विद्रोह भड़क सकता है.
गाजा के लिए ट्रंप का प्लान क्या है?
ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच जंग रुकवाने के लिए अपना 20-सूत्रीय गाजा प्लान दिया था. इमें एक योजना यह भी थी कि जबतक फिलिस्तीनी क्षेत्र में पुनर्निर्माण और आर्थिक सुधार होगा, तक तक एक संक्रमण अवधि के लिए वहां एक इंटरनेशनल फोर्स भेजी जाएगी, जिसके लिए मुस्लिम देशों से सैनिकों की मांग की गई है. गाजा को इस पुनर्निर्माण और आर्थिक सुधार की सख्त जरूरत हैं क्योंकि वह दो साल से अधिक समय तक इजरायली सैन्य बमबारी से नष्ट हो गया है.
लेकिन कई मुस्लिम देश गाजा में इस्लामी उग्रवादी समूह हमास के खिलाफ मिशन चलाने के लेकर सावधान हैं. उन्हें लगता है कि यह मिशन उन्हें लंबे संघर्ष में खींच सकता है और उनकी फिलिस्तीन समर्थक और इजरायल विरोधी आबादी को नाराज कर सकता है.
मुनीर की उलझन
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार मुनीर ने हर पल अपना स्टैंड बदलते ट्रंप के बीच घनिष्ठ संबंध बनते दिखे हैं. जून में ट्रंप ने तो मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच के लिए बुलाया गया था. पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने सिर्फ पाकिस्तान के सेना प्रमुख की मेजबानी की थी.
रिपोर्ट के अनुसार वाशिंगटन स्थित अटलांटिक काउंसिल में दक्षिण एशिया के सीनियर फेलो माइकल कुगेलमैन ने कहा, "(गाजा स्टेबलाइजेशन फोर्स में योगदान नहीं देना) ट्रंप को नाराज कर सकता है, जो कि पाकिस्तान के लिए कोई छोटी बात नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान ट्रंप की कृपा में बने रहने के लिए काफी उत्सुक दिखाई देता है. वह अमेरिकी निवेश और सुरक्षा सहायता को सुरक्षित करना चाहता है."
लेकिन दूसरी तरफ मुनीर की घरेलू स्तर पर बड़ी चिंता यह है कि अगर वह अमेरिका समर्थित योजना के तहत गाजा में पाकिस्तानी सैनिकों को भेजते हैं तो पाकिस्तान के अंदर इस्लामी पार्टियों का विरोध फिर से भड़क सकता है, जो अमेरिका और इजराइल के घोर विरोधी हैं.
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