वाशिंगटन:
अमेरिका के शीर्ष सैन्य कमांडर माइक मुलेन के मुताबिक पाकिस्तान में अशरफ परवेज कयानी सबसे शक्तिशाली शख्स हैं और उनका कहना है कि सेना प्रमुख आईएसआई को नियंत्रित करते हैं जो हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तय्यबा को समर्थन देती है और उनका मुखौटे के तौर पर इस्तेमाल करती है। हक्कानी नेटवर्क को आईएसआई का वास्तविक हिस्सा बताए जाने की अपनी बेबाक टिप्पणी पर कायम रहते हुए मुलेन ने कहा कि पाकिस्तानी सेना अपने सुरक्षा हितों के लिए हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तय्यबा का इस्तेमाल करती है। ज्वांयट चीफ ऑफ स्टॉफ ने जहां अपने रूख को बरकरार रखा है, वहीं व्हाइट हाउस और विदेश विभाग ने उनके इस बयान से दूरी बनाई है। लोकप्रिय नेशनल पब्लिक रेडियो को दिए साक्षात्कार में लंबे समय तक पाकिस्तान के सबसे करीबी मित्र माने जाने वाले मुलेन ने कयानी को पाकिस्तान का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति करार दिया। पिछले ढाई साल में मुलेन और कयानी के बीच करीब 30 बार मुलाकात हो चुकी है। इस महीने के आखिर में पद से विदाई लेने वाले मुलेन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कयानी पाकिस्तान के दोनों तरफ सुरक्षित सीमा चाहते हैं। उनसे पूछा गया था कि क्या सेना प्रमुख भारत के साथ शांति चाहते हैं। माइक मुलेन ने कहा, आपने मुझसे पूछा कि वह क्या महसूस करते हैं, वह किसमें विश्वास करते हैं और हम क्या बात करते हैं। मेरा मानना है कि यह दीर्घकालिक नजरिया है, दोनों सीमाओं पर शांति और सुरक्षा जिससे बढ़ती अर्थव्यवस्था और निवेश के मौके मिलेंगे और एक स्थिर देश सही दिशा में आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा, उस देश में सेना एक अति महत्वपूर्ण संगठन है लेकिन हमें केवल उन्हें से संपर्क नहीं रखना चाहिए। अमेरिकी कमांडर ने कहा, राजनीतिक नेताओं से संपर्क, अर्थ जगत के नेताओं से संपर्क, क्षेत्र से संपर्क। मुलेन ने कहा, मैं काफी समय से कह रहा हूं : कश्मीर को सुलझाना जोकि भारत पाक सीमा पर बहुत मुश्किल मुद्दा है। मेरा मानना है कि हमें एक रास्ता निकालने के लिए कोशिश जारी रखनी चाहिए।