वाशिंगटन:
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार जॉन मैक्के न ने कहा है कि पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क से सम्बंध तोड़ने में कश्मीर विवाद कोई बहाना नहीं है। हक्कानी नेटवर्क हाल ही में अफगानिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है।
कारनेगी इंस्टीट्यूट में 'फ्यूचर ऑफ अफगानिस्तान' विषय पर बोलते हुए मैक्के न ने कहा, "पाकिस्तान को वहां खुलेआम आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे रहे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कश्मीर विवाद के मुद्दे का बहाना नहीं बनाना चाहिए।"
मैक्के न ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस के हक्कानी नेटवर्क के साथ नजदीकी सम्बंधों को निंदनीय बताते हुए कहा, "पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व के साथ मेरी सहानुभूति है लेकिन मैं हक्कानी के साथ आईएसआई के लगातार सहयोग से निराश हूं।"
आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क के साथ लगातार रिश्ते बने रहना बहुत हताशाजनक है जबकि पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कयानी ही आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार हैं।
कयानी के हाल ही में भारत पर दिए गए एक बयान के विषय में पूछे जाने पर मैक्के न ने कहा कि उन्होंने इसकी सराहना की है लेकिन तथ्य यही है कि पाकिस्तानी सेना के सबसे अच्छे जवान व उपकरण उसकी भारत के साथ लगी सीमा पर तैनात हैं न कि अफगानिस्तान से लगी सीमा पर।
मैक्के न ने ओबामा प्रशासन की तालिबान के साथ सुलह की नीति व अफगानिस्तान से सेनाएं हटाने के लिए 2014 तक की समय सीमा निर्धारित करने के लिए उसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि तालिबान तब तक शांति की दिशा में काम नहीं करेगा, जब तक कि उसे यह एहसास रहेगा कि अमेरिका अफगानिस्तान छोड़कर जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी होनी चाहिए।
मैक्के न ने कहा कि तालिबान को समर्थन जारी रखने से पाकिस्तान खुद और अलग-थलग व कम सुरक्षित महसूस करेगा।
कारनेगी इंस्टीट्यूट में 'फ्यूचर ऑफ अफगानिस्तान' विषय पर बोलते हुए मैक्के न ने कहा, "पाकिस्तान को वहां खुलेआम आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे रहे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कश्मीर विवाद के मुद्दे का बहाना नहीं बनाना चाहिए।"
मैक्के न ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस के हक्कानी नेटवर्क के साथ नजदीकी सम्बंधों को निंदनीय बताते हुए कहा, "पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व के साथ मेरी सहानुभूति है लेकिन मैं हक्कानी के साथ आईएसआई के लगातार सहयोग से निराश हूं।"
आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क के साथ लगातार रिश्ते बने रहना बहुत हताशाजनक है जबकि पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कयानी ही आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार हैं।
कयानी के हाल ही में भारत पर दिए गए एक बयान के विषय में पूछे जाने पर मैक्के न ने कहा कि उन्होंने इसकी सराहना की है लेकिन तथ्य यही है कि पाकिस्तानी सेना के सबसे अच्छे जवान व उपकरण उसकी भारत के साथ लगी सीमा पर तैनात हैं न कि अफगानिस्तान से लगी सीमा पर।
मैक्के न ने ओबामा प्रशासन की तालिबान के साथ सुलह की नीति व अफगानिस्तान से सेनाएं हटाने के लिए 2014 तक की समय सीमा निर्धारित करने के लिए उसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि तालिबान तब तक शांति की दिशा में काम नहीं करेगा, जब तक कि उसे यह एहसास रहेगा कि अमेरिका अफगानिस्तान छोड़कर जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी होनी चाहिए।
मैक्के न ने कहा कि तालिबान को समर्थन जारी रखने से पाकिस्तान खुद और अलग-थलग व कम सुरक्षित महसूस करेगा।
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