
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि दोनों देश जंग के मुहाने पर खड़े नजर आ रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार ड्रोन और मिसाइल के जरिए भारत पर हमले की कोशिश की जा रही है. लेकिन भारत के मुस्तैद एयर डिफेंस सिस्टम से उसे हर बार मुंह की खानी पड़ रही है. जवाब में भारत की ओर से कार्रवाई में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हो रहा है. ऐसे में पाकिस्तान अब 'सेंकड लाइन ऑफ डिफेंस' पर भी सोचने लगा है.
भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराया हुआ है पाकिस्तान
भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के जुबान से पाक के आतंकी मदरसों का सच सामने आ गया है. यह सच नेशनल असेंबली में निकला. जिसमें उन्होंने यह कहा, 'मदरसे के बच्चे सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस है'.
मदरसे के छात्रों के सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस बताया
दरअसल पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली में स्वीकार किया कि "यदि स्थिति उत्पन्न होती है तो मदरसों के छात्रों को सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, क्योंकि उन्हें रक्षा की दूसरी पंक्ति माना जाता है."
This is so shocking that we had to go to the recordings of the Pakistan National Assembly - to confirm that this is not AI.
— The DeshBhakt 🇮🇳 (@TheDeshBhakt) May 9, 2025
The Pakistan Defence Minister #KhawajaAsif himself is saying that madrasa students will be used as a 'second line of defence' amid ongoing tensions with… pic.twitter.com/UhfqcyZU6t
जंग में मदरसे के छात्रों का इस्तेमाल करेगा पाक
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा, "जहां तक मदरसों या मदरसा छात्रों का सवाल है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वे हमारी दूसरी रक्षा पंक्ति हैं, यानी वहां पढ़ने वाले युवा. जब समय आएगा, तो उनका 100 प्रतिशत उपयोग किया जाएगा."
अब समझिए रक्षा मंत्री के इस बयान के मायने
आम तौर पर किसी स्कूल-कॉलेज या मदरसे में बच्चे-युवा पढ़ने जाते हैं. लेकिन पाकिस्तान के कई ऐसे मदरसे भी हैं, जहां बच्चों-युवाओं को पढ़ने के साथ-साथ आतंकी के रूप में भी तैयार किया जाता है. लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के मदरसे, जैश-ए-मोहम्मद मसूद अजहर के मदरसे अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों को आतंकी या फिर जिहादी के रूप में तैयार करती रही है.
इसके कई सबूत पहले भी सामने आए है. भारत ने भी कई मौकों पर इस बात का जिक्र किया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने जिन आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया, वो भी ज्यादातर मस्जिद या मदरसे ही थे. जहां पढ़ने वाले बच्चों को आतंकियों के रूप में तैयार किया जाता है.
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