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This Article is From Sep 21, 2011

आतंकियों की पनाहगाह नहीं रह सकता पाक : US

वाशिंगटन: अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि वे पाकिस्तान में आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए इस्लामाबाद पर दबाव बनाते रहेंगे। साथ ही वे यह भी बर्दाश्त नहीं करेंगे कि अफगानिस्तान में हमला करने के बाद आतंकवादी अपने 'पनाहगाह' पाकिस्तान में लौट जाएं। पेंटागन में एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्री लियोन ई पनेटा ने कहा, "इस समय हमारी सबसे बड़ी चिंता पाकिस्तान पर जितना सम्भव हो सके दबाव डालना है ताकि वह सीमा के अपनी तरफ आतंकवादियों पर कार्रवाई करे।" इस मौके पर पनेटा के साथ ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के अध्यक्ष एडमिरल माइक मुलेन भी थे। उन्होंने कहा, "हम लागातर यह कहते आए हैं कि यह नहीं हो सकता। हक्कानी नेटवर्क सीमा को पार कर आए और हमारे बलों और अफगान नागरिकों पर हमला करने के बाद वापस सुरक्षित अपने पनाहगाह में चला जाए यह हम बर्दाश्त नहीं कर सकते इसलिए हमने पाकिस्तानियों से कदम उठाने का अनुरोध किया है।" यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका एकतरफा कार्रवाई का विचार करेगा। इस पर पनेटा ने टिप्पणी करने से इंकार किया। उन्होंने कहा, "अपने सुरक्षा बलों की सुरक्षा के लिए जो कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है हम उन्हें उठाने जा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तानियों के हित में है कि वे अपनी सीमा में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करें। वहीं, मुलेन ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के साथ अपनी बैठक में पाकिस्तान को और कदम उठाने पर जोर दिया। मुलेन ने बताया कि बैठक के दौरान उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हक्कानी नेटवर्क के साथ सम्बंधों और अफगानिस्तान में गठबंधन सेना के जवानों और अफगान नागरिकों की हत्या में उनकी भूमिका के मुद्दों को उठाया।

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