इस्लामाबाद:
अमेरिका में बसे एक पाकिस्तानी व्यापारी ने तख्तापलट पर दिए गए अपने बयान को सही ठहराते हुए अपने दावों के पक्ष में सबूत होने की बात कही। मंसूर इजाज नाम के इस व्यक्ति ने कहा था कि अमेरिकी एकतरफा कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट के हालात पैदा हो गए थे जिसे टालने के लिए उसने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और अमेरिकी प्रशासन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभायी थी। पाकिस्तानी सरकार ने मंसूर के दावों को झुठला दिया जिसके बाद मंसूर ने ये बातें कहीं। मंसूर ने कहा कि राष्ट्रपति जरदारी ने ओबामा प्रशासन तक पहुंचने के लिए उससे मदद ली ताकि ओबामा प्रशासन सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कियानी को सैन्य तख्तापलट करने से रोकें। मंसूर की यह टिप्पणियां फाइनेंशियल टाइम्स के एक लेख में 10 अक्टूबर को प्रकाशित हुई थीं। हालांकि इस लेख से पाकिस्तान में हंगामा मच गया, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने दो हफ्ते तक इस पर चुप्पी साधे रखी। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने इजाज के दावों को 28 अक्टूबर को खारिज कर दिया था जबकि राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह ने इसके अगले दिन उसके दावों को खारिज किया। इजाज ने अपने दावों को सही ठहराते हुए इसके पक्ष में सबूत होने की बात कही। इजाज ने कहा, मेरे पास इन्हें सही साबित करने के लिए तमाम सबूत हैं। इस मद्दे पर मुझे चुनौती देना बहुत बड़ी गलती होगी। इजाज ने कहा कि उनके पास जो सबूत हैं वो पूरी तरह प्रमाणिक और स्पष्ट हैं।