पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ फतवा, 1800 से ज्यादा विद्धानों के दस्तखत (प्रतीकात्मक फोटो)
इस्लामाबाद:
आतंकवाद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को लेकर अमेरिका की चेतावनी के बाद पाकिस्तानी सरकार ने मंगलवार को 1800 से ज़्यादा इस्लामिक विद्वानों के दस्तख़त से धार्मिक उद्देश्य के लिए आत्मघाती विस्फोट करने समेत हिंसा करने वालों के ख़िलाफ़ फतवा जारी किया है. इस्लामाबाद की इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी की देख रेख में तैयार इस फतवे को पैग़ाम ए पाकिस्तान का नाम दिया गया है.
पाकिस्तान के मौलवियों ने फतवा जारी कर ट्रांसजेंडर शादियों को बताया जायज
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने इस मौक़े पर कहा कि पूरा देश इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है. गौरतलब है कि यह फतवा ऐसे समय में जारी किया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को अपनी धरती से पनपने वाले आतंवादी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की हाल में चेतावनी जारी की थी.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने फतवा जारी करने के मौके पर उपस्थित जनसभा को संबोधित करते हुए यह कहा. उन्होंने आतंकवादियों और इस्लामिक कट्टपंथियों का हवाला देते हुए कहा, ‘मुझे भरोसा है कि इस्लाम की सच्ची शिक्षा के प्रकाश में किया गया यह निर्णय उनका हृदय परिवर्तन कर देगा और उनके उद्धार का मार्ग प्रशस्त करेगा.’ पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा कि यह फतवा चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कटिबद्धता का हिस्सा है. धार्मिक विद्वानों सांसदों, बुद्धिजीवियों और नीति निर्माताओं ने इसका समर्थन किया है.
VIDEO- पाकिस्तान में मासूम के लिए इंसाफ़ की लड़ाई, टीवी एंकर की पहल चर्चा में
फतवे में सशस्त्र संघर्ष को देश, उसकी सरकार अथवा सशस्त्र बलों के खिलाफ बताया गया है. इसमें कहा गया है कि इस्लामिक संविधान के प्रावधान को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन यह इसके लिये बलों के प्रयोग को प्रतिबंधित करता है.
इनपुट- भाषा
पाकिस्तान के मौलवियों ने फतवा जारी कर ट्रांसजेंडर शादियों को बताया जायज
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने इस मौक़े पर कहा कि पूरा देश इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है. गौरतलब है कि यह फतवा ऐसे समय में जारी किया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को अपनी धरती से पनपने वाले आतंवादी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की हाल में चेतावनी जारी की थी.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने फतवा जारी करने के मौके पर उपस्थित जनसभा को संबोधित करते हुए यह कहा. उन्होंने आतंकवादियों और इस्लामिक कट्टपंथियों का हवाला देते हुए कहा, ‘मुझे भरोसा है कि इस्लाम की सच्ची शिक्षा के प्रकाश में किया गया यह निर्णय उनका हृदय परिवर्तन कर देगा और उनके उद्धार का मार्ग प्रशस्त करेगा.’ पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा कि यह फतवा चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कटिबद्धता का हिस्सा है. धार्मिक विद्वानों सांसदों, बुद्धिजीवियों और नीति निर्माताओं ने इसका समर्थन किया है.
VIDEO- पाकिस्तान में मासूम के लिए इंसाफ़ की लड़ाई, टीवी एंकर की पहल चर्चा में
फतवे में सशस्त्र संघर्ष को देश, उसकी सरकार अथवा सशस्त्र बलों के खिलाफ बताया गया है. इसमें कहा गया है कि इस्लामिक संविधान के प्रावधान को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन यह इसके लिये बलों के प्रयोग को प्रतिबंधित करता है.
इनपुट- भाषा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं