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‘आतंकियों को छोड़ना नहीं’… पहलगाम अटैक पर भारत को अमेरिका का संदेश, पाकिस्तान के हाथ पर क्या कहा?

Pahalgam Kashmir Terrorist Attack: अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने गुरुवार, 24 अप्रैल को जानकारी दी कि अमेरिका ने पहलगाम आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया है.

‘आतंकियों को छोड़ना नहीं’… पहलगाम अटैक पर भारत को अमेरिका का संदेश, पाकिस्तान के हाथ पर क्या कहा?
भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया के तमाम बड़े देश भारत के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं, वहां के राष्ट्रअध्यक्ष पीएम मोदी से बात कर रहे हैं. ऐसे में अमेरिका भी चट्टान की तरह भारत की भाषा में आतंकवादियों के खिलाफ आवाज उठा रहा है. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने गुरुवार, 24 अप्रैल को जानकारी दी कि अमेरिका ने पहलगाम आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया है.

एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, ब्रूस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका हमले में जान गंवाने वाले लोगों और घायलों के ठीक होने के लिए प्रार्थना करता है.

पहलगाम में आतंकवादी हमले पर ब्रूस ने कहा,

"जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री रुबियो ने स्पष्ट किया है, अमेरिका भारत के साथ खड़ा है, आतंकवाद के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है. हम मारे गए लोगों के जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं और घायलों के ठीक होने के लिए प्रार्थना करते हैं और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान करते हैं."

गौरतलब है कि आतंकवादियों ने मंगलवार को पहलगाम के बैसरान मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. यह 2019 पुलवामा हमले के बाद से घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक है, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे.

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका पहलगाम में आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तान को देखता है, टैमी ब्रूस ने जवाब दिया, "मैंने इसे शीर्ष पर रखा क्योंकि यह एक भयानक स्थिति थी. साथ ही, इस बिंदु पर टिप्पणियों की सीमा यही होगी. मैं आपको निश्चित रूप से क्या बता सकती हूं, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यह तेजी से बदलती स्थिति है, और हम इसकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं. और हम, निश्चित रूप से, अब कश्मीर या जम्मू की स्थिति पर कोई रुख नहीं ले रहे हैं.''

हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं. बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक में, भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन नहीं छोड़ देता.

मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "कश्मीर से बेहद परेशान करने वाली खबर है. संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है. हम खोए हुए लोगों की आत्मा और घायलों के ठीक होने की प्रार्थना करते हैं."

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