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पहलगाम अटैक में चीनी कंपनी के सैटलाइट फोन वाली मिस्ट्री क्या है?

पहलगाम अटैक में एक नया एंगल, चीनी कंपनी हुआवेई (Huawei) के सैटलाइट फोन का सामने आया है. एक रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां ​​पहलगाम हमले के दिन उसी क्षेत्र में और उसी समय के दौरान एक 'हुआवेई सैटेलाइट फोन' की मूवमेंट की पुष्टि कर रही हैं.

पहलगाम अटैक में चीनी कंपनी के सैटलाइट फोन वाली मिस्ट्री क्या है?
पहलगाम अटैक में चीनी कंपनी के सैटलाइट फोन वाली मिस्ट्री (प्रतिकात्मक तस्वीर)

कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले को लगभग एक हफ्ते गुजर चुके हैं. 26 लोगों की जान लेने वाले इस हमले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने अपने हाथ में ले ली है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं. पहलगाम अटैक में एक नया एंगल, चीनी कंपनी हुआवेई (Huawei) के सैटलाइट फोन का सामने आया है. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां ​​पहलगाम हमले के दिन उसी क्षेत्र में और उसी समय के दौरान एक 'हुआवेई सैटेलाइट फोन' की मूवमेंट की पुष्टि कर रही हैं.

आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि हुआवेई क्या है. दरअसल Huawei एक चीनी कंपनी है और इसके प्रोडक्ट भारत में बैन हैं. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऐसा संदेह है कि Huawei सैटेलाइट फोन पाकिस्तान या किसी अन्य विदेशी देश से भारत में तस्करी कर लाए गए हैं.

सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि इस सैटेलाइट फोन को ट्रैक करने के लिए तकनीकी खुफिया जानकारी और पश्चिमी एजेंसियों की मदद के अलावा जम्मू-कश्मीर में ओवरग्राउंड वर्करों और प्रत्यक्षदर्शियों की जांच की जा रही है.

3, 4 या फिर 5.. पहलगाम हमले को कितने आतंकियों ने अंजाम दिया?

रिपोर्ट के अनुसार जांचकर्ताओं ने अब तक उन चार आतंकवादियों की भूमिका से इनकार किया है, जिनकी तस्वीरें मंगलवार की घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल की गई थीं. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कई गवाहों ने अधिकारियों को बताया है कि पांच से अधिक हमलावर थे, जिन्होंने इस कायरतापूर्ण आतंकी हमले को अंजाम दिया. इससे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए थे और प्रत्येक पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

एग्जिट और एंट्री प्वाइंट्स की बारीकी से हो रही जांच

NIA ने रविवार को अपने एक प्रेस बयान में कहा कि आतंकवादियों की काम करने के तरीके यानी मोडस ऑपरेंडी के सुराग खोजने के लिए घटना स्थल के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स की बारीकी से जांच की जा रही है. फॉरेंसिक और अन्य एक्सपर्ट्स की मदद से NIA की टीमें आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए सबूतों की तलाश में पूरे इलाके को खंगाल रही है. साथ ही बैसरन घाटी में जानेवाले रास्ते के पहले जो होटल और बाजार है, वहां लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जब्त किए गए हैं.

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