Pfizer और BioNTech ने गुरुवार को कहा है कि उनका कोविड-19 वैक्सीन हाल ही के क्लीनिकल ट्रायल में दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट के खिलाफ बेहद प्रभावी पाया गया है. कंपनी की ओर से एक बयान में कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका में फेस-3 ट्रायल स्टडी में पाया गया है कि जिन प्रतिभागियों ने दूसरा डोज लिया था, उनमें इस संक्रमण का कोई केस नहीं पाया गया.गौरतलब है कि अधिक संक्रामक साबित होने वाले कई वेरिएंट ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया था खड़ा और यह सवाल उठ खड़ा हुआ था कि क्या मौजूदा वैक्सीन इन वेरिएंट के खिलाफ बचाव करने में सक्षम हैं? कंपनी ने कहा है, 'दक्षिण अफ्रीका में, जहां B.1.351 lineage फैला हुआ है और 800 प्रतिभागियों को एनरोल किया गया है, वहां सभी placebo group में कोविड-19 के 9 केस पाए गए हैं. '
अमेरिकी कंपनी फाइजर का दावा, सामान्य फ्रिज में रखी जा सकती है उसकी कोरोना वैक्सीन
इससे पहले BioNTech/Pfizer ने उसकी कोविड-19 वैक्सीन 12 से 15 साल तक के बच्चों पर 100 फीसदी प्रभावी होने का दावा किया था. कंपनी, अगले स्कूल सेशन से पहले बच्चों के लिए टीकाकरण की मंजूरी की इजाजत मिलने की उम्मीद लगाए हुए है. कंपनी की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया था कि फेज-3 का ट्रायल अमेरिका में 2,260 किशोरों पर किया गया था और यह 100 फीसदी प्रभावी साबित हुआ और और इसने मजबूत एंटीबॉडी रिस्पांस दिखाया.
कोरोना वैक्सीन कितने साल कारगर होगी, अलग-अलग टीकों का कैसे होगा असर, अहम बातें...
कई देशों में ऐसे व्यस्कों को कोविड-19 टीकों की खुराकें दी जा रही है, जो कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में अति संवेदनशील हैं. फाइजर का टीका 16 साल या उससे अधिक आयु के लोगों को लगाने की अनुमति है, लेकिन महामारी को रोकने के लिये सभी आयुवर्ग के बच्चों को टीका लगाया जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है. साथ ही इससे कम से कम बड़ी कक्षाओं के छात्रों के स्कूल जाने का रास्ता साफ हो सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं