राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित दुनिया के करीब 100 वैश्विक नेताओं ने दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी आंदोलन के नायक नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि देते हुए ‘इतिहास का पुरोधा’ करार दिया।
एफएनबी स्टेडियम में आयोजित शोक सभा में हिंदू पुजारियों की ओर से संस्कृत के श्लोकों का उच्चार किया गया। बीते 5 दिसंबर को मंडेला का निधन हो गया था।
ओबामा ने अपने 20 मिनट के संबोधन में कहा, ‘किसी भी व्यक्ति की प्रशंसा करना मुश्किल होता है... इतिहास के किसी ऐसे पुरोधा के लिए यह करना और भी मुश्किल है जो एक देश को न्याय की ओर ले गया तथा इस प्रक्रिया में पूरी दुनिया में अरबों लोगों तक पहुंचा।’ मुखर्जी ने मंडेला को सामाजिक और आर्थिक बदलाव का नायक करार देते हुए कहा कि उन्होंने अन्याय और असमानता के खिलाफ अपनी तरह का सत्याग्रह किया।
ओबामा ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि गांधी की तरह मंडेला ने असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया जिसकी शुरुआत में सफलता की संभावना बहुत कम थी।
मुखर्जी और बराक ओबामा समेत 53 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष-शासनाध्यक्ष 95 हजार सीटों की क्षमता वाले एफएनबी स्टेडियम में आयोजित दो घंटे की शोक सभा में शामिल हुए।
मंडेला इसी स्टेडियम में 2010 फुटबॉल विश्वकप के दौरान आखिरी बार बड़े स्तर पर सार्वजनिक रूप से सबके सामने आए थे।
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