अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की फाइल फोटो
वाशिंगटन:
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि उनका देश इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग नहीं हार रहा है। हालांकि उन्होंने माना कि इराकी सेना को सहायता देने के लिए कुछ क्षेत्रों में आईएस के खिलाफ लड़ने के लिए सुन्नी लड़ाकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, ओबामा की यह प्रतिक्रिया आईएस द्वारा इराक के शहर रामादी और सीरिया में पल्माइरा पर कब्जा कर लेने के बाद आई है। 'द अटलांटिक' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में ओबामा ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हम हार रहे हैं। हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामादी पर आईएस द्वारा कब्जा कर लिया जाना एक बड़ा झटका है।'
ओबामा ने इसकी वजह इराकी सुरक्षा बलों के समुचित प्रशिक्षण नहीं हो पाने को बताया। उन्होंने कहा कि वहां तैनात सेना को पिछले एक साल से कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिली थी और न ही किसी तरह का प्रशिक्षण दिया गया था।
इराक में बदलते हालात के बीच भी ओबामा ने एक बार फिर इससे इंकार कि उनका देश वहां सेना भेजने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का इरादा आईएस से लड़ने के लिए सुन्नी लड़ाकों को प्रशिक्षण देना है।
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, ओबामा की यह प्रतिक्रिया आईएस द्वारा इराक के शहर रामादी और सीरिया में पल्माइरा पर कब्जा कर लेने के बाद आई है। 'द अटलांटिक' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में ओबामा ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हम हार रहे हैं। हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामादी पर आईएस द्वारा कब्जा कर लिया जाना एक बड़ा झटका है।'
ओबामा ने इसकी वजह इराकी सुरक्षा बलों के समुचित प्रशिक्षण नहीं हो पाने को बताया। उन्होंने कहा कि वहां तैनात सेना को पिछले एक साल से कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिली थी और न ही किसी तरह का प्रशिक्षण दिया गया था।
इराक में बदलते हालात के बीच भी ओबामा ने एक बार फिर इससे इंकार कि उनका देश वहां सेना भेजने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का इरादा आईएस से लड़ने के लिए सुन्नी लड़ाकों को प्रशिक्षण देना है।
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