ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन (फाइल फोटो)
लंदन:
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि तेहरान के साथ हुए ऐतिहासिक समझौते का मतलब उसे समर्थन देना नहीं है। पश्चिमी शक्तियां ईरान के साथ हुए समझौते को लेकर क्षेत्रीय सहयोगियों को आश्वस्त करने की कोशिश कर रही हैं। करीब दो साल तक चली बातचीत के बाद विएना में पिछले सप्ताह ईरान के साथ परमाणु समझौता हुआ है। इस समझौते के लिए बातचीत का आखिरी दौर 18 दिन तक चला।
समझौते के तहत तेहरान के परमाणु गतिविधियों पर कम से कम 10 साल तक रोक लग गई है और इसके एवज में उस पर लगे वे प्रतिबंध हटा लिए गए, जिनके कारण ईरान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी।
कैमरन ने शुक्रवार को चैनल अल अरबिया को एक साक्षात्कार में कहा, समझौते पर हस्ताक्षर करके ब्रिटेन ईरान का समर्थन नहीं कर रहा है। डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय ने इस साक्षात्कार का ब्यौरा जारी किया है, जिसके अनुसार कैमरन ने कहा, 'अपने सहयोगियों.. अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, रूस और चीन के साथ करार पर हस्ताक्षर करके ब्रिटेन... ईरान को परमाणु हथियारों से दूर ले जा रहा है।' उन्होंने कहा, यह क्षेत्र के लिए, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अच्छा है, लेकिन हम ईरान को समर्थन नहीं दे रहे हैं।
समझौते के तहत तेहरान के परमाणु गतिविधियों पर कम से कम 10 साल तक रोक लग गई है और इसके एवज में उस पर लगे वे प्रतिबंध हटा लिए गए, जिनके कारण ईरान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी।
कैमरन ने शुक्रवार को चैनल अल अरबिया को एक साक्षात्कार में कहा, समझौते पर हस्ताक्षर करके ब्रिटेन ईरान का समर्थन नहीं कर रहा है। डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय ने इस साक्षात्कार का ब्यौरा जारी किया है, जिसके अनुसार कैमरन ने कहा, 'अपने सहयोगियों.. अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, रूस और चीन के साथ करार पर हस्ताक्षर करके ब्रिटेन... ईरान को परमाणु हथियारों से दूर ले जा रहा है।' उन्होंने कहा, यह क्षेत्र के लिए, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अच्छा है, लेकिन हम ईरान को समर्थन नहीं दे रहे हैं।
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