नार्थ कोरिया ने साउथ कोरिया के चार पत्रकारों को मौत की सजा सुनाई है.
सोल:
उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के चार पत्रकारों को देश का अपमान करने वाली एक किताब की समीक्षा के लिए मौत की सजा सुनाई है. सरकारी मीडिया ने इसकी जानकारी दी.
कंजरवेटिव समाचार पत्र से चोसुन इलबो और डोंग-ए इलबो नामक व्यक्तियों ने ‘‘नॉर्थ कोरिया कॉन्फिडेंशियल’’ के कोरियाई संस्करण की समीक्षा की थी. सोल स्थित दो ब्रितानी पत्रकारों ने सबसे पहले वर्ष 2015 में इस किताब का प्रकाशन किया था.
उत्तर कोरिया में दैनिक जीवन में बाजार की बढ़ती भूमिका की विस्तृत जानकारी देते हुए इसमें बताया गया था कि कालाबाजारी के जरिए दक्षिण कोरियाई टेलीविजन नाटकों को वितरित किया जाता है और फैशन सामग्री एवं केश सज्जाओं की दक्षिण कोरिया से नकल की जाती है. इसमें कहा गया कि जिन लोगों के कब्जे से दक्षिण कोरिया के टीवी नाटकों वाली डीवीडी या यूएसबी बरामद की गई वे किसी भी परेशानी से बाहर निकलने के लिए अपने तरीके से प्रलोभन दे सकते हैं.
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‘‘कैपिटलिस्ट रिपब्लिक ऑफ कोरिया’’ नाम से कोरियाई संस्करण में इसका प्रकाशन हुआ है. किताब के आवरण पृष्ठ पर एक लोकतांत्रिक गणराज्य के तौर पर उत्तर कोरिया के आधिकारिक संकेत चिह्न से छेड़छाड़ की गई है, जिसमें उत्तर कोरिया के आधिकारिक राज्य चिह्न में लाल सितारे की जगह डॉलर का चिह्न अंकित किया गया है.
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उत्तर कोरिया की सेंट्रल कोर्ट ने कहा कि किताब की समीक्षा कर अखबार ने अपने ‘‘घृणित अभियान’’ के तहत ‘‘डीपीआरके की गरिमा का गंभीर अपमान कर जघन्य अपराध किया है.’’
VIDEO : विकास की कहानी
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के हवाले से एक बयान में इसने कहा कि अखबारों ने किताब के आवरण की तस्वीर को लेने में ‘‘जल्दबाजी’’ की. इसने कहा, ‘‘वे झूठ और अपमान की पराकाष्ठा तक पहुंच गए हैं, यहां तक कि हमारे देश के पवित्र नाम और इसके राष्ट्रीय प्रतीक का भी अपमान कर रहे हैं.’’ इसने कहा कि प्रत्येक अखबार से एक पत्रकार और दोनों प्रकाशनों के अध्यक्षों को मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कंजरवेटिव समाचार पत्र से चोसुन इलबो और डोंग-ए इलबो नामक व्यक्तियों ने ‘‘नॉर्थ कोरिया कॉन्फिडेंशियल’’ के कोरियाई संस्करण की समीक्षा की थी. सोल स्थित दो ब्रितानी पत्रकारों ने सबसे पहले वर्ष 2015 में इस किताब का प्रकाशन किया था.
उत्तर कोरिया में दैनिक जीवन में बाजार की बढ़ती भूमिका की विस्तृत जानकारी देते हुए इसमें बताया गया था कि कालाबाजारी के जरिए दक्षिण कोरियाई टेलीविजन नाटकों को वितरित किया जाता है और फैशन सामग्री एवं केश सज्जाओं की दक्षिण कोरिया से नकल की जाती है. इसमें कहा गया कि जिन लोगों के कब्जे से दक्षिण कोरिया के टीवी नाटकों वाली डीवीडी या यूएसबी बरामद की गई वे किसी भी परेशानी से बाहर निकलने के लिए अपने तरीके से प्रलोभन दे सकते हैं.
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‘‘कैपिटलिस्ट रिपब्लिक ऑफ कोरिया’’ नाम से कोरियाई संस्करण में इसका प्रकाशन हुआ है. किताब के आवरण पृष्ठ पर एक लोकतांत्रिक गणराज्य के तौर पर उत्तर कोरिया के आधिकारिक संकेत चिह्न से छेड़छाड़ की गई है, जिसमें उत्तर कोरिया के आधिकारिक राज्य चिह्न में लाल सितारे की जगह डॉलर का चिह्न अंकित किया गया है.
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उत्तर कोरिया की सेंट्रल कोर्ट ने कहा कि किताब की समीक्षा कर अखबार ने अपने ‘‘घृणित अभियान’’ के तहत ‘‘डीपीआरके की गरिमा का गंभीर अपमान कर जघन्य अपराध किया है.’’
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आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के हवाले से एक बयान में इसने कहा कि अखबारों ने किताब के आवरण की तस्वीर को लेने में ‘‘जल्दबाजी’’ की. इसने कहा, ‘‘वे झूठ और अपमान की पराकाष्ठा तक पहुंच गए हैं, यहां तक कि हमारे देश के पवित्र नाम और इसके राष्ट्रीय प्रतीक का भी अपमान कर रहे हैं.’’ इसने कहा कि प्रत्येक अखबार से एक पत्रकार और दोनों प्रकाशनों के अध्यक्षों को मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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