किम जोंग उन(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उत्तर कोरिया की मीडिया ने शनिवार को बताया कि उत्तर कोरिया के शक्तिशाली नेता किम जोंग उन ने घोषणा की है कि प्योंगयांग अब परमाणु या अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण नहीं करेगा और इसके साथ ही वह अपनी परमाणु परीक्षण साइट बंद कर देगा. इस घोषणा के लिए अमेरिका बहुत समय से उत्तर कोरिया से कह रहा था. उत्तर कोरिया के इस कदम को कोरियाई प्रयाद्वीप में काफी महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जाएगा. खास बात यह है कि किम जोंग उन का यह फैसला एक सप्ताह से भी कम समय में आया है जब वह दक्षिण कोरियाई नेता मून-इन से मिले थे और साथ ही किम की यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक बहुत ही अनुमानित मुठभेड़ से पहले आ गई है.
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किम ने एक सत्तारुढ़ पार्टी की बैढ़क में कहा कि चूंकि परमाणु हथियारों की पुष्टि हुई है. इसलिए अब हमारे लिए मध्य और लंबी दूरी की मिसाइलों या आईसीबीएम के परमाणु परीक्षण या परीक्षण लॉन्च करने की जरूरत नहीं है. आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने वर्कर पार्टी की केंद्रीय समिति की सभा में कहा 'उत्तरी परमाणु परीक्षण स्थल ने अपना मिशन पूरा कर लिया है.'
प्योंगयांग ने किम के तहत अपने हथियार कार्यक्रमों में तेजी से तकनीकी प्रगति की है, जिसने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अमेरिका, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया और अन्य लोगों द्वारा तेजी से सख्त प्रतिबंधों के अधीन देखा है. पिछले साल किम ने अपने छठे परमाणु परीक्षण में, अब तक के सबसे शक्तिशाली परीक्षण किए, इसमें किम जोंग उन ने संयुक्त राज्य अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम मिसाइलों का भी परीक्षण किया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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किम ने एक सत्तारुढ़ पार्टी की बैढ़क में कहा कि चूंकि परमाणु हथियारों की पुष्टि हुई है. इसलिए अब हमारे लिए मध्य और लंबी दूरी की मिसाइलों या आईसीबीएम के परमाणु परीक्षण या परीक्षण लॉन्च करने की जरूरत नहीं है. आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने वर्कर पार्टी की केंद्रीय समिति की सभा में कहा 'उत्तरी परमाणु परीक्षण स्थल ने अपना मिशन पूरा कर लिया है.'
प्योंगयांग ने किम के तहत अपने हथियार कार्यक्रमों में तेजी से तकनीकी प्रगति की है, जिसने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अमेरिका, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया और अन्य लोगों द्वारा तेजी से सख्त प्रतिबंधों के अधीन देखा है. पिछले साल किम ने अपने छठे परमाणु परीक्षण में, अब तक के सबसे शक्तिशाली परीक्षण किए, इसमें किम जोंग उन ने संयुक्त राज्य अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम मिसाइलों का भी परीक्षण किया था.
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