विज्ञापन
This Article is From Jan 28, 2017

शरणार्थियों पर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से नोबेल शांति विजेता मलाला यूसुफज़ई 'बहुत दुखी' हैं

शरणार्थियों पर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से नोबेल शांति विजेता मलाला यूसुफज़ई 'बहुत दुखी' हैं
मलाला को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था
लंदन: शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पाकिस्तान की मलाला यूसुफज़ई ने कहा है कि वह शरणार्थियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से ‘बहुत दुखी’’ हैं. मलाला ने ट्रंप से अनुरोध किया कि वह दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों को अकेला ना छोड़ें. पाकिस्तान में लड़कियों के लिए शिक्षा की खुलकर वकालत करने वाली 19 साल की मलाला को 2012 में तालिबानी आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी. मलाला ने कहा ‘मैं अत्यंत दुखी हूं कि आज राष्ट्रपति ट्रंप हिंसा और युद्धग्रस्त देशों को छोड़कर भाग रहे बच्चों, माताओं और पिताओं के लिए दरवाजे बंद कर रहे है.’

इस बाबत आदेश पर ट्रंप के हस्ताक्षर करने के कुछ देर बाद मलाला ने एक बयान में कहा ‘दुनियाभर में अनिश्चितता और अशांति के इस दौर में मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध करती हूं कि वह विश्व के सबसे असहाय बच्चों और परिवारों की ओर से मुंह ना मोड़ें.’ मलाला शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की विजेता हैं. उन्हें भारत के शिक्षा कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से 2014 में यह पुरस्कार दिया गया था.

अब इंग्लैंड में रह रही मलाला ने कहा ‘मैं बहुत दुखी हूं कि अमेरिका शरणार्थियों और प्रवासियों का स्वागत करने के अपने गौरवशाली इतिहास को पीछे छोड़ रहा है. इन लोगों ने आपके देश को आगे ले जाने में मदद की और वे एक नयी जिंदगी का उचित मौका मिलने के बदले कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हैं.’

व्हाइट हाउस ने इससे संबंधित आदेश को अभी सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन अमेरिकी मीडिया के हाथ लगे लीक ड्राफ्ट के मुताबिक यह आदेश कहता है कि जब तक नए नियम लागू न किए जाएं तब तक यूएस शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम को कम से कम 120 दिनों के लिए स्थगित किया जाएगा. इसके अलावा यह आदेश सीरियाई शरणार्थियों को ट्रंप के अगले फैसले तक अमेरिका में घुसने के लिए प्रतिबंधित भी करता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com