
तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने समलैंगिकों के प्रति पूर्वाग्रह की निंदा करते हुए कहा है कि उन्हें अन्य परंपराओं के लोगों के बीच सहमति से बने यौन संबंधों से कोई दिक्कत नहीं है।
दलाई लामा ने हाल में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान एक साक्षात्कार में कहा कि समलैंगिक विवाह प्रत्येक सरकार पर निर्भर करता है और अंतत: यह एक 'व्यक्तिगत मामला' है।
दलाई लामा ने जाने-माने रेडियो एवं टेलीविजन प्रस्तोता लैरी किंग के ऑनलाइन टॉक शो में कहा, यदि दो व्यक्ति (जोड़ा) वास्तव में यह मानते हैं कि तरीका अधिक व्यावहारिक, अधिक संतुष्टि प्रदान करने वाला है और दोनों पक्ष पूरी तरह से सहमत हैं, तो ठीक है। उन्होंने सार्वजनिक नीति और व्यक्तिगत नैतिकता के बीच अंतर करते हुए कहा कि लोगों को फिर भी यौन संबंधों के मामले में अपने धर्मिक नियमों का पालन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, लेकिन नास्तिकों के मामले में यह पूरी तरह से उन्हीं पर निर्भर करता है। यौन संबंध के अलग-अलग स्वरूप हैं, जब तक (यह) सुरक्षित है, ठीक है, और यदि (दोनों व्यक्ति) पूर्ण रूप से सहमत हैं, तो ठीक है। उन्होंने कहा, धौंस, उत्पीड़न, यह पूरी तरह से गलत है। यह मानवाधिकार उल्लंघन है।
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