अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को कहा कि अगर उनका देश ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने को लेकर गंभीर है, तो कांग्रेस को उस पर नए प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है।
समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' के मुताबिक, ओबामा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, मेरा कांग्रेस को यह संदेश रहा है कि शायद लघु अवधि का यह प्रथम चरण हमारे संतोष को पूरा कर दे। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य (ब्रिटेन, चीन, अमेरिका, रूस और फ्रांस) और जर्मनी यानी 'पी 5 प्लस 1' के नेता ईरान के अधिकारियों के साथ पिछले सप्ताह शुरुआती बैठक के बिना किसी समझौते के संपन्न हो जाने के बाद 20 नवंबर को जेनेवा में दोबारा बैठक करेंगे।
ओबामा ने कांग्रेस से एक मौका दिए जाने की मांग की, ताकि यह देखा जा सके कि परमाणु मसले को कूटनीतिक और शांतपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए ईरान कितना गंभीर है। विदेश मंत्री जॉन कैरी ने बुधवार को यह चेतावनी दी कि कांग्रेस अगर प्रतिबंध के लिए एकतरफा फैसला करती है, तो इससे परमाणु समझौते पर विश्वास टूट सकता है और उन्हें अलग कर सकता है।
इधर, ओबामा ने कहा कि उनके प्रशासन का लक्ष्य ईरान के पास परमाणु हथियारों की मौजूदगी को रोकना है। उन्होंने कहा, 'यह न सिर्फ अमेरिका और हमारे सहयोगियों के लिए खतरा है, बल्कि यह पूरे इलाके को अस्थिर कर देगा और यह परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू कर देगा, जो हम सभी की जिंदगी को कहीं अधिक खतरे में डाल देगी।
ओबामा ने कहा कि प्रतिबंध ईरान की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने में प्रभावी रहा है और इस वजह से ईरान बातचीत के लिए तैयार हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति के मुताबिक, पिछले साल ईरान की अर्थव्यवस्था में पांच फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी और इसकी मुद्रा का अवमूल्यन हुआ, जो कि आर्थिक क्षेत्र की मुख्य समस्या रही है।
ओबामा का कहना है कि ईरान के परमाणु मसले को कूटनीतिक तरीके से सुलझाना उनकी प्राथमिकता होगी, क्योंकि सैन्य विकल्प हमेशा कठिन होता है और अनैच्छिक परिणाम सामने आते हैं।
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