विज्ञापन
This Article is From Apr 21, 2013

पाकिस्तान में चुनाव प्रचार में कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं

इस्लामाबाद / लाहौर: पाकिस्तान की विदेश नीति में कश्मीर की भले ही खास जगह हो और यहां के सुरक्षा प्रतिष्ठान तथा आतंकवादियों के लिए यह मुद्दा दीवानगी बना हुआ है, लेकिन अगले माह होने जा रहे राष्ट्रीय असेंबली के चुनाव के लिए प्रचार के दौरान कश्मीर मुद्दे का जिक्र बिल्कुल नहीं के बराबर ही हो रहा है।

अटकलें लगाई जा रही हैं कि इन चुनावों में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलेगा। राजनीतिक दलों के प्रत्याशी आतंकवादियों की धमकियों में उलझे हुए हैं और चुनाव प्रचार में भारत का कहीं जिक्र नहीं हो रहा है। पाकिस्तान की 342-सदस्यीय असेंबली के लिए 11 मई को होने जा रहे चुनाव में 272 प्रतिनिधियों को निर्वाचित किया जाएगा। शेष सीटें विभिन्न कोटा के जरिये भरी जाएंगी।

राष्ट्रीय चुनावों में आठ करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। प्रांतीय असेंबलियों के लिए भी चुनाव हो रहे हैं। पाकिस्तान के इतिहास में पहले लोकतांत्रिक बदलाव के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन देश के चुनावी परिदृश्य पर राष्ट्रीय मुद्दों का अभाव साफ जाहिर है। पीपीपी नीत सरकार को छोड़कर पाकिस्तान में किर्सी भी निर्वाचित सरकार ने अब तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। पिछले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद पीपीपी और पीएमएल-एन गठबंधन सरकार बनाने के लिए करीब आए थे।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
पाकिस्तान में चुनाव, कश्मीर मुद्दा, पाकिस्तान नेशनल असेंबली, Pakistan Elections, Kashmir Issue
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com