नाइजीरिया की सेना ने इस्लामी चरमपंथियों द्वारा अगवा की गई लगभग 300 स्कूली छात्राओं का पता लगा लिया है, लेकिन उसे डर है कि लड़कियों को छुड़ाने के प्रयास में बल प्रयोग का इस्तेमाल करने पर कहीं उनकी हत्या न कर दी जाए।
एयर मार्शल एलेक्स बडेह ने सेना की आलोचना कर रहे प्रदर्शनकारियों से कहा कि नाइजीरियाई सेना लड़कियों को बचा सकती है, लेकिन लड़कियों की हत्या की आशंका से कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उन्होंने यह बात राजधानी आबुजा में रक्षा मंत्रालय मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों से कही।
संवाददाताओं के यह पूछने पर कि लड़कियां कहां हैं, बडेह ने खुलासा करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने भीड़ से कहा, हम अपनी लड़कियों को वापस लाना चाहते हैं। मैं आपसे कह रहा हूं कि हम लोग ऐसा कर सकते हैं। हमारी सेना ऐसा कर सकती है। लेकिन जहां उन्हें रखा गया है, क्या हम वहां सेना के साथ जा सकते हैं? सवाल का जबाव लोगों ने ‘नहीं’ में दिया।
बडेह ने पूछा, अगर हम वहां सेना के साथ जाएंगे तो क्या होगा? प्रदर्शनकारियों ने जबाव दिया, वे मारी जाएंगी। इस मामले से निपटने का एकमात्र रास्ता बातचीत का दिखाई दिया, लेकिन वार्ताकारों के एक करीबी मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि पिछले सप्ताह लड़कियों को बंधक बनाने वाले बोको हरम सदस्यों के साथ बातचीत होनी तय हुई थी, लेकिन अंतिम क्षणों में राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने इसे स्थगित कर दिया।
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